कुछ लोग तो यहाँ तक कहते हैं कि चमत्कारी बाबा देवरहा जी 900 साल तक जिंदा रहे थे.
अब यह सुनते ही आपको तो इस बात पर यकीन नहीं होने वाला है. लेकिन एक ही परिवार की 10 पीढ़ियाँ अगर बाबा जी के दर्शन करती आ रही थीं तो कुछ भी हो सकता है.
इसीलिए कहते हैं कि व्यक्ति को जीवन में यात्रा जरूर करनी चाहिए.
अपनी पिछली राजस्थान की यात्रा पर मैनें देवरहा बाबा का नामा सुना था. साथियों ने बताया था कि यह एक चमत्कारी बाबा थे. 300 साल से ज्यादा इनका जीवन रहा थ और यह बाबा बिना अन्न और जल के इतने सालों तक जिन्दा रहे थे. सबसे बड़ी बात यह थी कि कोई भी भक्त इनके दर से खाली नहीं जाता था.
कौन थे देवरहा बाबा
देवरहा बाबा जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था यह बात किसी को भी ठीक से पता नहीं है.
जो भी बताता है यही बताता है कि बाबा काफी समय हिमालय में तपस्या करने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया नामक स्थान पर आ गये थे. यहाँ सालों तक रहने के बाद इनका नाम देवरहा बाबा पड़ गया था.
कहा जाता है कि अमरकंटक में इन्हें अमहलवा बाबा भी कहा जाता है. आज भी यहाँ बाबा के हजारों भक्त हैं. कहते हैं कि बाबा की दिनचर्या में खाना-पीना, कपड़ा आदि तो कुछ था ही नहीं. किसी ने बाबा को जल का सेवन भी करते हुए नहीं देखा था. 12 फिट ऊंची लकड़ी की मचान में रहने वाले बाबा का जीवन बस वहीं तक सीमित था. बाबा नदी में स्नान के पश्चात घंटो-घंटो साधना में लीन हो जाते. कुछ समय के लिए भक्तों और जिज्ञासुओं से भी मिलते और उनसे जमकर संवाद भी करते थे.
कहते हैं कि बाबा की झोपड़ी में कुछ नहीं रहता था लेकिन बाबा भक्तों को खूब सारी चीजें देते रहते थे. कोई भी भक्त इनके यहाँ से कभी खाली हाथ नहीं गया था. आज भी अगर कोई भक्त बाबा को ध्यान करते हुए उनके आगे कोई फरियाद करता है तो बाबा अपने भक्त की जरुर सुनते हैं.
बाबा के पुराने शिष्यों के मुताबिक़ बाबा खेचरी मुद्रा में पारंगत थे इसी कारण वे अपनी आयु और निरोग को संचित कर पाने में सफल रहे थे. उन्हें किसी ने आवागमन करते भी नहीं देखा फिर भी बाबा प्रयाग, बनारस और हिमालय आदि में दिखलाई दे ही जाते थे.
पेड़ों और पक्षियों से बात करते थे बाबा
बाबा को पेड़-पौधों और पक्षियों से बहुत लगाव था. बाबा की झोपड़ी के पास जो बबूल के पेड़ थे वहां पर कांटे नहीं आते थे. बाबा जी पेड़ों से बात करते थे. पक्षी और जानवर बाबा के पास रोज उनके पास अपनी बातें कहने आते थे. बाबा जी जीवन कई तरह के चमत्कारों से भरा हुआ था. आज भी इनके भक्त बाबा देवरहा जी के चमत्कारों का व्याख्यान देते रहते हैं.
बाबा के भक्तों में बड़े से बड़े राजनेता शामिल थे
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद और डॉ.जाकिर हुसैन, इंग्लैण्ड के जॉर्ज पंचम, लालबहादुर शास्त्री, पण्डित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गाँधी और उनके पुत्र राजीव गाँधी जैसे बड़े नेता बाबा के दर्शनों के लिए आते रहते थे.
तो आइये चलते-चलते आपको भी हम बाबा देवरहा जी के दर्शन करा देते हैं. कहते हैं कि सच्चे दिल से अगर बाबा का ध्यान आज भी किया जाये तो व्यक्ति के आधे दुःख तो ऐसे ही खत्म हो जाते हैं.
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