भारत

ढाकेश्वरी मंदिर : देवी का अपमान करने पर पाकिस्तान ने चुकाई थी कीमत !

1971 में हुआ भारत पाकिस्तान का युद्ध कई मायनों में ऐतिहासिक था.

बांग्लादेश का निर्माण इसी युद्ध की परिणीती था.

इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. युद्ध के इतिहास का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण इसी युद्ध में पाकिस्तानी सेना द्वारा किया गया था.

आज हम आपको इस युद्ध के बारे में एक अनोखी बात बताने जा रहे है जिसके बारे में शायद आपने पहले कभी पढ़ा या सुना नहीं होगा.

हो सकता है पढने के बाद इस बात पर आपको भरोसा ना भी हो लेकिन ना सिर्फ सेना के लोग अपितु बांग्लादेश के स्थानीय लोग भी इस चमत्कार में कहीं ना कहीं सच्चाई मानते है.

बांग्लादेश की राजधानी के पास देवी का एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर को ढाकेश्वरी के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि इस मंदिर के नाम पर ही बांग्लादेश की राजधानी का नाम ढाका पड़ा है.

पिछले दिनों बांग्लादेश यात्रा के दौरान हमारे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की थी.

इस मंदिर की गणना देवी के शक्तिपीठों में भी होती है, माना जाता है कि इस मंदिर के स्थान पर सती के आभूषण गिरे थे.

1971 के युद्ध के समय पाकिस्तान की हार और बांग्लादेश के बनने का कारण माता ढाकेश्वरी के श्राप को भी माना जाता है.

भारत पाकिस्तान के बंटवारे से पहले ये मंदिर हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल था. लेकिन बंटवारे के बाद ये भाग पाकिस्तान में चला गया और पूर्वी पाकिस्तान में मुस्लिम बाहुल्य होने की वजह से इस मंदिर की देखरेख होनी बंद हो गयी.

इतना ही नहीं धीरे धीरे इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी कम हो गयी क्योंकि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को तरह तरह से परेशान किया जाता था.

कहा जाता है इन सभी कारणों से देवी क्रुद्ध हो गयी और मंदिर और श्रद्धालुओं का अपमान होने की वजह से पाकिस्तानी सेना को श्राप दिया.

जब 1971 का युद्ध हुआ तो भारतीय सैनिकों की बहदुरी और देवी के दिए श्राप के कारण पाकिस्तानी सेना को जबरदस्त मुंह की खानी पड़ी और देवी का अपमान करने वाले पाकिस्तान का विभाजन हो गया और ढाकेश्वरी मंदिर बांग्लादेश में चला गया.

ये भी कहा जाता है कि युद्ध के दौरान भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए पाकिस्तानी सैनिकों ने बार बार इस मंदिर का अपमान किया था और इसे अपवित्र किया था. इस गलती का खामियाजा पाकिस्तानी सैनिकों को युद्ध में करारी हार के रूप में भुगतना पड़ा.

इस मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण करीब 900 वर्ष पहले 12 वीं सदी में रजा बल्लाल सेन ने करवाया था.

बांग्लादेश के पाकिस्तान से अलग होने के बाद इस मंदिर की मान्यता और भी बढ़ गयी है. ना सिर्फ बांग्लादेश में रहने वाले हिन्दू अपितु भारत में रहने वाले हिन्दू भी ढाकेश्वरी देवी के दर्शन के लिए आते है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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