विकासशील और विकसित – दुनियाभर में आज भारत दबदबा है।
सारे देश भारत में अपना कारोबार स्थापित करना चाहते हैं।
भारत आज ग्लोबल शक्ति बनकर उभरा है। लेकिन इसके बावजूद भारत को विकासशील और अमेरिका को विकसित कहा जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे आखिर कारण क्या है। आखिर ये क्या विकासशील और विकसित देशों में फर्क क्या है।
आज हम आपको बताएंगे कि विकासशील और विकसित देशों में क्या फर्क होता है।
विकासशील और विकसित –
विकसित देश किसे कहते हैं:
उन देशों को विकसित का दर्जा दिया जाता है जहां लोगों की प्रति व्यक्ति आय ज्यादा होती है। जहां की जीडीपी का स्तर ऊंचा होता है। लोगों का जीवन स्तर बहुत अच्छा होता है और हर कोई अच्छा जीवन जी रहा होता है। साथ ही इन देशों में गीरीबी ना के बराबर ही होती है और ये देश अपनी जरूरतों को खुद ही पूरी कर लेते हैं। और एक चीज जो गौर करने वाली होती है वो ये है कि इन देशों में भ्रष्टाचार की जगह नहीं होती। विकसित देशों की बात करें तो इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, रूस, इटली जैसे देश हैं।
विकासशील देश किसे कहते हैं:
विकासशील देश वो होते हैं जहां विकास शुरुआती चरण में होता है। यहां विकास दस्तक तो दे चुका है लेकिन उसकी अभी शुरुआत ही हुई है। इन देशों की प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों के मुकाबले बेहद कम होती है और जीडीपी भी काफी कम होती है। इन देशों में गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा का स्तर बहुत कम होता है। इसके अलावा भ्रष्टाचार भी अपने पैर पसारे बैठा रहता है। इन देशों को कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है। विकासशील देशों में भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब जैसे देश आते हैं।
विकासशील और विकसित देश का फर्क – भारत को विकासशील देश कहा जाता है। भारत की जीडीपी विकसित देशों के मुकाबले बहुत कम है। भारत में बेरोजगारी, शिक्षा के स्तर में कमी, भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं हैं जो विकास की रफ्तार को धीमा करती रहती हैं। भारत को विकसित देश बनने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। हालांकि भारत की शक्ति को दूनियाभर ने मान लिया है और ये भी कहा जा रहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई शक्ति है। भारत की जीडीपी और विकास की गति हर दिन के साथ बढ़ रही है। हालांकि अभी इसमें थोड़ा वक्त लगेगा।