दिवंगत अभिनेता राज कपूर को बॉलीवुड का शोमैन कहा जाता था.
इंडस्ट्री में राज कपूर, देव आनंद और दिलीप कुमार की दोस्ती की सब मिसाल दिया करते थे.
जब ये तीनों यार एक साथ मिल बैठते थे, तो इतनी बातें करते थे कि इन्हें वक्त का पता ही नहीं चलता था. ये तीनों मिलकर न सिर्फ फिल्मों से जुड़ी बातें करते थे बल्कि अपनी निजी जिंदगी की खुशी और गम को भी एक-दूसरे के साथ साझा किया करते थे.
बात करें देव आनंद और राज कपूर की दोस्ती की, तो आप इस बात से इन दोनों की दोस्ती का अंदाजा लगा सकते हैं कि एक ओर जहां राज कपूर के मेकअप रुम को इस्तेमाल करने की इजाजत किसी को भी नहीं थी. तो वहीं उनके सदाबहार दोस्त देव आनंद साहब के लिए ऐसी कोई पाबंदी नहीं थी. राज कपूर का मेक अप रुम हमेशा सिर्फ और सिर्फ देव आनंद साहब के लिए खुला रहता था.
लेकिन साल का एक ऐसा खास दिन भी होता था जब बॉलीवुड की तमाम हस्तियां राज कपूर के पास होती थीं अगर कोई नहीं होता था तो वे थे देव आनंद साहब.
आइए हम आपको रूबरू कराते हैं साल के उस खास दिन से और देव आनंद के नदारद रहने के पीछे की वजह से.
होली में शामिल नहीं होते थे देव आनंद
आज भले ही कपूर परिवार में धूमधाम से होली मनाने का दौर खत्म हो चुका है लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब बॉलीवुड के तमाम छोटे-बड़े सितारे राज कपूर की होली का साल भर बेसब्री से इंतजार करते थे.
राजकपूर की होली पार्टी का आयोजन अक्सर आरके स्टूडियों में किया जाता था. इस बेहद खास मौके पर बॉलीवुड के सभी छोटे-बड़े कलाकार होली खेलने के लिए पहुंचते थे. होली के मौके पर सभी जमकर होली खेलते और जमकर नाच गाना होता था.
लेकिन इस बेहद खास मौके से अक्सर राज कपूर के सबसे प्यारे दोस्त देव आनंद साहब नदारद नज़र आते थे. वो राज कपूर की किसी भी होली पार्टी में नहीं पहुंचते थे.
होली नहीं खेलते थे देव आनंद
देव आनंद और राज कपूर के बीच कभी किसी बात को लेकर कोई मनमुटाव भी नहीं हुआ. फिर राज कपूर की होली से देव आनंद के नदारद रहने के पीछे आखिर क्या वजह हो सकती थी.
तो हम आपको बताते हैं इसके पीछे की असली वजह. दरअसल देव आनंद साहब को होली खेलना बिल्कुल भी पसंद नहीं था. इसलिए वो हमेशा रंगों के इस त्योहार से खुद को अलग रखते थे.
ऐसा नहीं है कि राज कपूर इस बात को नहीं जानते थे. वे अपने दोस्त के मन की इस बात को बखूबी समझते थे शायद यही वजह है कि उन्होंने कभी भी अपने दोस्त देव आनंद पर होली खेलने और होली में शामिल होने के लिए जोर-जबरदस्ती नहीं की.
बहरहाल दोस्ती का यही उसूल होता है कि एक दोस्त दूसरे दोस्त के कुछ कहे बिना ही उसके मन की हर बात समझ जाए. कुछ ऐसा ही नाता था देव आनंद और राज कपूर की दोस्ती के बीच. शायद इसलिए देव आनंद के बगैर कुछ कहे राज कपूर उनके मन की बात जान लेते थे.