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कहीं आपका जन्म भी तो ‘राक्षस गण’ में नहीं हुआ है?

राक्षस गण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य को तीन श्रेणियों में बांटा गया है जो देव गण, मनुष्य गण, और राक्षस गण है।

इन गणों के आधार पर ही मनुष्य का स्वभाव और उनका चरित्र भी बताया गया है। जब किसी मनुष्य का जन्म होता है तो उस समय के गृह-नक्षत्रों की स्थिति ही उसके गण को तय करती है।

तो चलिये जानते है गण के आधार पर इंसानों का चरित्र कैसा होता है।

देव गण, मनुष्य गण, और राक्षस गण

1.  देव गण-

देव गण से संबंध रखने वाले लोगों का हृदय कोमल होता है। ये लोग दानी, बुद्धिमानी और उत्तम विचार वाले होते है, ये हमेशा दूसरों का हित सोचते है।

2.  मनुष्य गण-

मनुष्य गण के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति समाज में सम्मान प्राप्त व्यक्ति होते है। ये लोग काफी धनवान होते है, इनकी आँखे बड़ी-बड़ी होती है।

3.  राक्षस गण-

राक्षस गण वाले व्यक्ति देव गण और मनुष्य गण से काफी अलग होते है। वैसे राक्षस गण वाले व्यक्ति को डरने की जरुरत नहीं है आप कोई राक्षस नहीं हो लेकिन इन दोनों गण के लोगों से आप काफी अलग हो। इनमें कई तरह की क्वालिटीज़ पाई जाती है जैसे, आपके आसपास हमेशा कई तरह की शक्तियां मौजूद रहती है। जिनमें से सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की शक्तियां होती है। ज्योतिष की माने तो राक्षस गण वाले व्यक्ति को नेगेटिव एनर्जी का आभास जल्दी हो जाता है। इन लोगो का सिक्स्थ सेंस बेहतर तरीके से काम करता है। ये लोग साहसी और मजबूत इच्छा शक्ति वाले होते है। इनके जीने का तरीका बाकी लोगो से काफी अलग होता है।

इंसानों के गण के आधार पर उनका स्वभाव और उनके अंदर के गुण निर्धारित होते है। लेकिन राक्षस गण वाले व्यक्ति बाकी लोगो से काफी अलग होते है.

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