पिछले हफ्ते साउथ ईस्ट अरब सागर में सुबह के समय डिप्रेशन बढ़ गया था लेकिन शाम होते-होते ये शांत हो गया और लक्ष्द्वीप के पास जाकर ठंडा हो गया।
इस वजह से कनार्टक, लक्ष्द्वीप के तटीय क्षेत्रों और करे के कुछ इलाकों और तमिलनाडु के दूरवर्ती क्षेत्रों और कर्नाटक के दक्षिणी क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई। इसके अलावा मुंबई के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई।
दक्षिण तमिलनाडु में वर्षा की मात्रा रिकॉर्ड की गई जिसके तहत रामेश्वरम में 5 सेमी, तिरुपथुर में 4 सेती, मंगलम और पपनासम में 3 सेमी, मनामदुरई, संकरानकोइल, थेनकासी, मलानुर, कांगेयम और अयिकुडी में 2 सेमी बारिश हुई। जब कि लक्ष्द्वीप में इस सबसे ज्यादा 17 सेमी तक बारिश हुई। अमिनी में 6 सेमी हुई।
केरल में कोजिकोडे इंटरनेशनल एयरपोर्ट, क्यूलैंडी और कोल्लेनगोडे में 2 सेमी बारिश हुई। कर्नाटक के करकाला में 8 सेमी, बंतवाल में 5 सेमी, धर्मस्थला में 3 सेमी और मणि, कुंदापुर, करवाड़ और कम्मारादी में 2 सेमी बारिश हुई।
अरब सागर को हिंदी में सिंधु सागर कहा जाता है।
भारतीस उपमहाद्वीप और इइरब क्षेत्र के बीच स्थित हिंद महासागर का हिस्सा है। अरब सागर लगभग 38, 6,00 किमी 2 सतही क्षेत्र घेरते हुए स्थित है और इसकी अधिकतम चौढ़ाइ लगभग 2,400 किमी है। सिंधु नहीं सबसे महत्वपूर्ण नदी है जो अरब सागर में जाकर गिरती है। इसके अलावा भारत क नर्मदा और ताप्ती नदी भी अरब सागर में गिरती है। ये एक त्रिभुजाकार सागर है तो दक्षिण से उत्तर की ओर संकरा हो जाता है और फारस की खाड़ी से जाकर मिलता है। अरब सागर के तट पर भारत के अलावा जो महत्वपूर्ण देश स्थित हैं उनमें ईरान, ओमान, पाकिस्तान, यमन और यंयुक्त अरब अमीरात सबसे प्रमुख हैं।
इसका प्राचीन भारतीस नाम सिंधु सागर है एवं इसमें गिरने वाली सिंधु नदी के नाम पर पड़ा माना जाता है। उर्दू और फारसी में इसे बह्र अल अरब कहते हैं। यूनानी भूगोलवेत्ता और यात्री इसे इरीथ्रियन सागर के नाम से भी संबोधित करते थे।
अरब सागर में ज़रा सा डिप्रेशन क्या हुआ पूरे देश में बारिश की बहार आ गई। इस खबर को पढ़ने के बाद मानना पड़ेगा कि अरब सागर में बहुत ताकत है और वो इतना डिप्रेशन ना ले वही सबके लिए अच्छा है।
इंसानों की बात तो समझ आती है लेकिन ये अरब सागर को डिप्रेशन क्यों होने लगा है, पता नहीं। खैर ऊपर जो खबर हमने आपको बताई वो बिलकुल सच है। अरब सागर में डिप्रेशन होने की वजह से देश के कई हिस्सों में बारिश हुई और कुछ जगहों पर तो भारी वर्षा हुई।
अगर इसी तरह अरब सागर में डिप्रेशन होता रहा तो कहीं तटीय क्षेत्र पानी में ना डूब जाएं। इसका एक कारण ग्लोबल वार्मिंग भी हो सकता है या फिर समय-समय पर समुद्र या नदियों में तूफान आता रहता है जिस वजह से उसके आसपास के क्षेत्रों में बारिश होती है।
अरब सागर में भी कुछ ऐसा ही हुआ है जिसकी वजह से भारत के कई हिस्सों में बारिश दर्ज की गई है। खैर, देश और दुनिया पर हर समय कोई ना कोई प्राकृतिक खतरा मंडराता ही रहता है। ये सब आपके, हमारे और हमारे अपनों के लिए बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। इसके िलिए कुछ जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।
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