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दिल्‍ली की इन तस्‍वीरों को देखकर हर दिल्‍लीवासी को गर्व होगा

दिल्‍लीवासी – दिल्‍ली शहर में ऐसी कई चीज़ें हैं यहां रहने वाले लोगों की सुविधाओं को ध्‍यान में रखकर बनाई गई हैं।

दिल्‍ली की सुख-सुविधाओं को देखकर ही भारत के दूसरे राज्‍यों के लोग यहां आकर रहना पसंद करते हैं। शायद यही वजह है कि दिल्‍ली की आबादी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

हाल ही में दिल्‍ली की शान में एक और चीज़ जुड़ गई है जिसके बारे में जानकर हर दिल्‍लीवासी को गर्व होगा। जी हां, आज हम आपको दिल्‍ली की शान में जुड़ी इस नई चीज़ के बारे में ही बताने जा रहे हैं। अगर आप दिल्‍ली से जुड़े हैं या दिल्‍लीवासी हैं तो इस खबर को पढ़ने के बाद आपको बहुत खुशी होगी।

दिल्‍ली को नया तोहफा

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही दिल्‍ली-मेरठ हाईवे बनकर तैयार हुआ था और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इसका उद्घाटन किया है। ये एक्‍सप्रेस वे ना केवल दिल्‍ली के लोगों के लिए सुविधाजनक होगा बल्कि ये दिखने में भी बहुत सुंदर है और इस पर सफर करने में आपको किसी विदेशी सड़क का ही अनुभव होगा।

किसे होगा फायदा

इस एक्‍सप्रेस वे से सबसे ज्‍यादा फायदा उन लोगों को होगा जो दिल्‍ली और मेरठ के बीच रोज़ ट्रैवल करते हैं। अब मेरठ तक का कई घंटों का रास्‍ता बस 45 मिनट में ही पूरा हो सकता है।

कितना हुआ खर्चा

दिल्‍ली के इस शानदार एक्‍सप्रेस वे को बनाने में लगभग 800 करोड़ का खर्चा आया है। खास बात से है कि दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेस वे भारत का पहला 14 लेन का एक्‍सप्रेस वे है। इस एक्‍सप्रेस वे के साथ ही दिल्‍ली से मेरठ पहुंचने का सपना साकार हो पाएगा। दिल्‍ली-मेरट एक्‍सप्रेस वे का दिल्‍ली में 8.7 किलोमीटर हिस्‍सा है जबकि गाजियाबाद में 42 किलोमीटर का हिस्‍सा आता है। इसके बाद डासना के पास यह एक्‍सप्रेस वे इस्‍टर्न पेरीफेरल एक्‍सप्रेस वे से मिल जाएगा।

कई समय से इस एक्‍सप्रेस वे का काम पूरा नहीं हो पा रहा है और इस वजह से इसे टाल दिया गया था। ईस्‍टर्न पेरिफेरल अपने आप में देश का पहला एक्सिस कंट्रोल ग्रीन फील्‍ड एक्‍सप्रेस वे है। इससे दिल्‍ली का 27 प्रतिशत वाहन प्रदूषण कम होगा और दिल्‍ली का आधा ट्रैफिक घट जाएगा।

पूरे ईस्‍टर्न पेरिफेरल एक्‍सप्रेस वे को तैयार करने में 11,000 करोड़ रुपए की लागत आई है। ये देश का पहला राजमार्ग है जहां सौर बिजली से सड़क रोशन होगी। इसके अलाववा हर 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचय की व्‍यवस्‍था की गई है। इस एक्‍सप्रेस वे पर 8 सौर संयंत्र हैं जिनकी क्षमता 4 मेगावट है।

सबसे खुशी की बात तो ये है कि इस तरह का एक्‍सप्रेस वे भारत में पहली बार बना है और इसके लिए देश की राजधानी दिल्‍ली को चुना गया। बस, सरकार के इसी फैसले से आप समझ सकते हैं कि दिलवालों की दिल्‍ली क्‍यों इतनी खास है और सिर्फ इसी शहर में लोग क्‍यों आकर रहना पसंद करते हैं।

दिल्‍लीवासी – दिल्‍ली में पहले भी सुख-सुविधाओं की कमी नहीं थी और अब इसमें और इजाफा हो गया है। इस एक्‍सप्रेस वे से मेरठ और दिल्‍ली के बीच ट्रैवल करने वाले लोगों की परेशानियां कम हो जाएंगीं।

Parul Rohtagi

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