Categories: विशेष

तस्वीरों में देखें, दिल्ली के रेड लाइट एरिया का सच

जीबी रोड़, नाम से ही समझने वाले समझ गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं.

देश कि राजधानी दिल्ली के रेड लाइट एरिया की.वैसे कहने तो यह देश की राजधानी में है लेकिन यहाँ कि जिंदगी एक नर्क के समान ही है.

क्या करें किस्मत की ही बात है अब भला कौन बताये सरकारों को कि यहाँ अपना जिस्मबेचना सबकी मज़बूरी है नेता जी.

सुविधाओं के नाम पर यहाँ कुछ भी नहीं है.हालात इतने खराब हैं कि कोई एक स्वस्थ इंसान एक हफ्ता यहाँ रह जाये तो बीमार पड़ जाये. आइये देखते हैं किहम क्यों ऐसा बोल रहे हैं. तस्वीर सच बोलती है इसलिए तस्वीरों से जाने सारा सच.

1.  मूलभूत सुविधाओं की कमी

यहाँ जो औरतें किसी मज़बूरी में काम कर रही हैं उनके लिए मूलभूत सुविधाओं की बेहद कमी है. कुछ लड़कियों को तो किडनैप करके यहाँ लाया गया थालेकिन दलालों ने इतना मारा की हिम्मत खत्म हो गयी. रेशमा ने अपना नाम यही बताया और यहाँ इसका यही नाम है. बंगाल से कुछ आठ साल पहले आईथी. आज यहाँ वह बीमार हो चुकी है. कुछ लोग इंजेक्शन लगाकर इसके साथ सेक्स करते हैं. साफ़ पानी, बिजली, साफ़ हवा, अच्छा खाना सबकी यहाँ कमी है.छोटी-छोटी कोठरियां हैं, जहाँ उनके साथ सेक्स होता है. पूरा दिन यहाँ अँधेरा रहता है.

2.  यहाँ काम कर रही हर सेक्स वर्कर बीमार है

पूरा दिन गुटका, पान, बीड़ी, रात में सस्ती दारू. सेक्स वर्कर बताती हैं कि मज़बूरी है नींद नहीं आती हैं इनके बिना. मर्दों की भूख शांत करनी जरुरी है.इसलिए अपनी भूख मारनी पड़ती है. गुटके से भूख नहीं लगती है. यहाँ हर सेक्स वर्कर बीमार है. ईलाज के लिए पैसा नहीं. अस्पताल जायेंगे तो रोजी-रोटी केलाले हैं. वैसे भी नर्क में जीने से अच्छा मरना लगता है.

3.  दलालों ने नर्क बना दी है जिंदगी

पूरा दिन काम करें हम और साले ये दलाल मलाई खाते हैं. हमें मारते हैं, जब दिल आया सेक्स करते हैं, लड़की किडनैपिंग में इनका मुख्य हाथ होता है. अगरदलाल ना हों तो बड़ी संख्या में लड़की यहाँ सेक्स के बाजार में आने से बच सकती हैं. नाम ना लिखने की शर्त पर ऐसा हमें एक महिला ने कहा.

4.  तहखानों में कैद हैं लड़कियां

लड़कियां किडनैप करके तहखानों में बंद रखी जाती हैं. हर चकले पर तहखाने होंगे. महीनों भूखी लड़कियां, वहीँ टट्टी-पेशाब होता है. मारा जाता है. हमारीयोनियों में गर्म चीजें डाली जाती हैं. सजा है वहां रहना और टूटकर लड़कियां वैश्या बन जाती हैं. हमारे पास मर्द भूख मिटाने आते हैं. कभी यहाँ नर्क में रहेंएक दिन पूरा, समझ जायेंगे हमारा दर्द.

5.  सेक्स वर्करों के बच्चों का कोई भविष्य नहीं है

कई सेक्स वर्करों के बच्चे भी हैं. इनका कोई भविष्य नहीं है. बेशक कई संस्थायें यहाँ काम तो कर रही है लेकिन वह पैसा ज्यादा खा रही हैं. इन बच्चों कोपता है कि इनकी माँ क्या काम कर रही है. लड़के तो सही हैं फिर भी, लेकिन लड़कियों पर दबाव रहता है सेक्स वर्कर बनने का.

तो अब आप ही बतायें कि क्या यह जगह किसी नर्क से कम है. इन औरतों की मज़बूरी है जिस्म का काम करना. सरकार को इस ओर जल्द से जल्द ध्यानदेना चाहिए.

कोई भी सेक्स वर्कर खुद से यह काम नहीं कर रही हैं यह उनकी मज़बूरी है. इस बात को हम सभी को समझना चाहिए.

Chandra Kant S

Share
Published by
Chandra Kant S

Recent Posts

क्या मरने के बाद जब आत्मा स्वर्ग या नरक जाती है तो वह पल हमें याद रहते हैं?

सवाल बेहद पेचीदा है इस सवाल का जवाब वैज्ञानिक रूप से तो व्यक्ति को तभी…

5 years ago

कोरोना वायरस: क्या है कोरोना, कैसे फैलता है यह और कैसे कोरोना वायरस से बचना है, सब कुछ है इस एक आर्टिकल में

दुनिया भर के देश इस समय कोरोना वायरस के चलते दहशत में हैं. कोरोनावायरस से…

5 years ago

दिल्ली में दंगे हुए तो यह धर्म पूरी तरह से हो जायेगा खत्म, नहीं रहेगा इसका इतिहास में भी नाम

दिल्ली के अंदर कई सालों के बाद इस तरीके के दंगे भड़के कि जिनके अंदर…

5 years ago

दिल्ली हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन आप के नेताओं से क्या बात कर रहा था, हकीकत आपको हैरान कर देगी

दिल्ली में हुए दंगों के अंदर जिस तरीके से आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर…

5 years ago

फांसी से पहले निर्भया के दोषियों ने खाने में क्या माँगा है जरूर पढ़िए

निर्भया केस में फंसे हुए तीनों अपराधियों की फांसी 3 मार्च को सुबह-सुबह हो सकती…

5 years ago

निर्भया केस: पवन जल्लाद दोषियों को फांसी देने जेल आया, कल इतने बजे का समय हुआ पक्का 

निर्भया केस में दोषियों को फांसी देना अब 3 मार्च को पक्का नजर आ रहा…

5 years ago