अंकित की हत्या – फरवरी के महीने में जहां कई कपल्स इस महीने को प्यार के महीने यानी वेलंटाइन मंथ के रुप में मना रहे हैं ।
वहीं एक कपल ऐसा भी जो इस प्यार के महीने में धर्म, सांप्रदाय, राजनीति की आग में जल गया । मैं कभी कभी सोचती हूं समाज धर्म का आस्तिव क्या एक इंसान से बड़ा है । फिर क्यों केवल धर्म की आड़ में हम किसी की जिंदगी छीन लेते हैं । क्यों दुनियाभर में अपनी ताकत का लोहा मनवाली हमारी संस्कृति धर्म के आगे झुक जाती है ।
एक नौजवान लड़के को बीच रास्ते पर सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वो किसी ओर धर्म की लड़की से प्रेम कर बैठा था।
लड़की के पिता और भाइयों ने मिलकर बीच सड़क पर उस लड़के का चाकू मारकर कत्ल कर दिया और आते जाते लोग सिर्फ तमाशा देखते रहे । वैसे भी दूसरे के पचड़े में न पड़ना हम लोगों की आदत हो गई है । हम तो सिर्फ फेसबुक ट्वीटर पर उस लड़के नाम से ट्वीट कर सकते है । बस । यही तो है हमारे आज का समाज । जिसकी जिंदगी सिर्फ मैं मैं पर ही अटक कर रह जाती है । इसका फायदा राजनीतिक पार्टियां उठाती है । जैसा आजकल अंकित की हत्या के बाद हो रहा है । अंकित की हत्या कुछ वक्त पहले चाकू से गला काटकर कर दी गई थी । दरअसल अंकित सेक्सना पेशे से फोटोग्राफर था । जो एक मुस्लिम लड़की के साथ रिलेशनशिप में था । जब इस बात का पता लड़की के माता पिता को चला तो । लड़की को तो खूब मारपीट ही साथ ही अंकित को मारने के लिए भी निकल पड़े ।
सूत्रों के मुताबिक अंकित के एक दोस्त के अनुसार अंकित ने अपने मरने पहले उसे फोन पर इस बात की जानकारी दी थी कि उसकी जान को खतरा है । अंकित तो धर्म और संप्रदाय की आग में जल गया लेकिन उसकी मौत के बाद भी ये आग शांत नहीं हुई ।
कुछ लोगों ने इसे धर्म से जोड़ दिया और आक्रोश फैलाने की कोशिश की तो वहीं दूसरी तरफ राजनेताओं ने इसे अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की । जिस वजह से भाजपा नेता मनोज तिवारी से लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल तक अंकित के घर पहुंचे । मनोज तिवारी के अनुसार अंकित के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए । वहीं अंकित के माता पिता सबसे पहले अपने बेटे के लिए इंसाफ की मांग कर रहे । अंकित की हत्या को 13 दिन बीत चुके हैं । लेकिन न तो दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने अंकित के परिवार को मुआवजा देने का ऐलान किया है । और न ही अंकित को इंसाफ मिल पाया है ।
आप भी किसी न किसी से प्यार करते होंगे अपने माता पिता से, अपने बच्चों से, अपनी वाइफ या अपनी गर्लफ्रेंड से जिनके साथ आप अपना वेंलटाइन मनाने वाले होंगे ।
सोचिए हो सकता है अंकित ने भी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वेंलटाइन पर घूमने का प्लान बनाया हो । या फिर कहीं साथ बैठकर टाइम स्पेंड करने के बारे में सोचा हो । पर क्या उसकी वो ख्वाहिशें कभी पूरी हो पाएंगी ।
ये है अंकित की हत्या की कहानी – जिन माता पिता का वो बेटा था क्या कभी अपने बेटे को गले लगा पाएंगे । जब हमारा शरीर एक जैसा है, हाथ पैर, नाक, कान जब सब एक जैसा है तो फिर क्यों हमारे बीच मजहब की दीवार खींची है और क्या ये हमारा कसूर नहीं की हम लोग खुद अपनी धर्म संस्कृति को राजनीति का मौहरा बने देते हैं ।
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