अगर जरूरत पड़ी तो भारत परमाणु हथियारों के पहले प्रयोग करने पर भी विचार कर सकता है.
इस खबर के आने के बाद पाकिस्तान ही नहीं चीन की भी नींद उड़ी हुई है.
परमाणु हथियारों के पहले प्रयोग न करने संबंधी नीति को खुला रखने को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर के बयान के बाद इसको लेकर भारत ही नहीं चीन और पाकिस्तान में सुगबुगाहट शुरू हो गई है. हालांकि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने स्पष्ट किया है कि ऐसा उनका निजी तौर पर मानना है इसका सरकार की नीति से नहीं जोड़कर देखा जाना चाहिए.
लेकिन इसके बाद सीमा पार हलचेल तेज हो गई है. भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक से उबरने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद एक ओर झटका लगा है.
वहीं दूसरी ओर कुछ रक्षा विशेषज्ञ इसको भारत की आक्रामक रक्षा नीति से भी जोड़कर देख रहे हैं. उनका मानना है इससे न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन को भी भारत को लेकर अपनी सोच अब बदलनी पड़ेगी.
तो दूसरी ओर कुछ लोग इस बयान की टाइमिंग को लेकर इसका विश्लेषण करने और उसके मायने तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के समय इस बयान के आने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. पाकिस्तान के साथ कहीं ये चीन को तो चेतावनी नहीं है कि अब भारत को पहले वाला भारत समझने की भूल न करे. जब उसकी रक्षा नीति रक्षात्मक होती थी.
दरअसल, रक्षा मंत्री ने एक बुक रिलीज कार्यक्रम के दौरान बातों बातों में सेंकेत दिया था कि जरूरत पड़ने पर भारत सीमाओं में खुद को बांधे नहीं रखेगा और परमाणु हमला करने से पीछे नहीं हटेगा. हालांकि रक्षा मंत्री ने अपने बयान का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि वे निजी तौर पर मानते हैं. उनके इस बयान को रक्षा मंत्रालय का आधिकारिक बयान नहीं समझा जाना चाहिए.
बावजूद इसके मनोहर पर्रीकर का मानना है कि अगर पहले से तैयार रणनीति का पालन किया जाए या आप परमाणु मुद्दे पर किसी रुख पर कायम रहते हैं तो आप परमाणु हथियारों के मामले में अपनी शक्ति को खो रहे हैं.
भारत ने घोषणा की हुई है कि वह पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करेगा. लेकिन रक्षा मंत्री को लगता है कि इसके बदले भारत को यह कहना चाहिए कि हमारा देश एक जिम्मेदार परमाणु ताकत है और मैं गैरजिम्मेदाराना तरीके से इसका इस्तेमाल नहीं करूंगा. यदि ऐसा होता है तो दुश्मनों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ेगा.
आप को बता दें कि पड़ोसी देश अक्सर भारत को इस तरह की धमकियां देता था कि सुरक्षा का खतरा होने पर वह रणनीतिक तरीके से परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है लेकिन जिस दिन से भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की है उसके बाद से पाक की ओर से इस तरह की कोई धमकी नहीं आई है.
दरअसल, रक्षा मंत्री के बयान का मतलब यही है कि आप की रणनीति इस प्रकार की होनी चाहिए कि आपका दुश्मन आपके बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं लगा सके
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