दीपावली के अवसर पर की सफाई – यह एक सुखद संयोग है कि भारत में दीपावली रोशनी के साथ साथ स्वच्छता का भी त्योहार माना जाता है । मानसून के बाद सीलन को भगाने का उपक्रम शुरू होता है।
घर की रंगत ही बदल जाती है पुताई से और कीट पतंगें भाग जाते हैं। नये वस्त्रों से फर्नीचर सज जाता है और पुरानी चीज़ें हटा कर नये साजो सामान से घर सज जाते हैं । यह क्रम गरीब और अमीर सभी लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
इसलिए मोदी जी के संकल्प से सिद्धि तक कार्यक्रम को साकार करने का यह सुनहरा समय है । हमें सिर्फ इतना तय करना है कि दीपावली के अवसर पर की सफाई फलदायक हो और सबके घर में लक्ष्मी का वास होः केवल एक दिन के लिए नहीं अपितु साल के हर दिन के लिए।
यह सत्य है कि लक्ष्मी का वास वहीं होता है जहाँ स्वच्छता हो। आपने दुकानदारों को नित्य सुबह दुकान की सफाई करते हुए देखा होगा। यह क्रम प्रत्येक घर में भी प्रतिदिन किया जाए तो परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहेगें । आपस में मनमुटाव भी नहीं होगा और घर परिवार में सामंजस्य रहेगा।
यही सम्पदा व समृद्दि का मूल मन्त्र है ।
माँ लक्ष्मी को मनाने के लिए सामंजस्य की अिनवार्य शर्त है ।
स्वच्छता से भौतिक स्तर पर स्थापित सामंजस्य मन प्राण में भी सामंजस्य स्थापित करता है ।
फलतः जीवन सरस व सानंद हो जाता है और लक्ष्मी दीपावली पर आकर वापिस नहीं जाती ।
दीपावली के अवसर पर की सफाई – साल भर लक्ष्मी का वरद् हस्त वहीं रहता है जहाँ स्वच्छता हो तो दीपावली पर किया जाने वाला स्वच्छता अभियान साल भर जारी रहे और सदैव सब पर लक्ष्मी की कृपा रहे , यही कामना है।
शुभ दीपावली !