दीपावली – त्यौहार यानी की हंसी खुशी, अपनों का साथ, वो पल जो यादों में कैद हो जाए, त्यौहार की रौनक और रंगत दोनों ही खास होती है।
चाहे बात दीपावली की हो, होली की या फिर किसी और त्यौहार की, ये त्यौहार अपने साथ परम्परा, पवित्रता और प्यार का एक ऐसा तोहफा लेकर आते हैं जो हमारी पूरी ज़िदंगी में अपनी खास छाप छोड़ जाता है।
अगर बात दीपावली की करें, तो घर में होती पूजा, बच्चों की हंसी-ठिठोली, आंगन में जलती फुलझड़ियां, घर के हर कोने को रोशन करे दीये, रसोई से आती पकवानों की खुशबू, बड़ों का आशीर्वाद और त्यौहार के लिए दिए जाने वाले गिफ्ट्स, ये सब कुछ दीवाली को बहुत खास बनाते हैं या यूं कहे कि ये सब ही दीवाली को दीवाली बनाते हैं।
हम हर साल अपनी दीपावली को खास बनाने के लिए, यादगार और शानदार बनाने के लिए बहुत कुछ करते हैं। बात चाहे घर की सफाई की हो, साजो-सज्जा की हो, परिवार के सभी सदस्यों के लिए नए कपड़ों की हो या फिर पटाखों की हम किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहते लेकिन क्यो ना इस बार दीवाली को एक नए अंदाज़ में मनाए। दीवाली के दिन दियों से घर तो हम सभी रोशन करते हैं क्यो ना इस बार दिलों को रोशन करें। दीवाली से पहले घर की सफाई तो हम सब करते हैं क्यो ना इस बार अपने कानों की सफाई करें, जो पूरे साल दूसरों के बारे में जाने क्या-क्या सुनता रहता है। क्यो ना अपने दिल की सफाई करें, जिस पर ज़रा धूल जम गईं है।
तो कीजिए इस दीपावली दिलों को रोशन। दिलों में रोशनी करने से मेरा मतलब है कि हर उस अंधरे को दिल से दूर किया जाए जिसने दिल पर कब्जा कर लिया है। दिल में छिपी हर उस गांठ को खोल दिया जाए जिसने हमें ही उलझा कर रख दिया है। कुछ लोगों को माफ कर दिया जाए तो कुछ से सॉरी बोल दिया जाए।
रिश्तें ज़िदंगी के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं लेकिन हम कुछ छोटी सी बातों को अपने दिल में यूं घर कर लेने देते हैं कि वो रिश्ते जो एक वक्त पर हमारी ज़िदंगी होते हैं उन्हे ही हम खुद से दूर कर देते हैं। या फिर कईं बार कुछ लोग जो एक वक्त पर हमारे बहुत करीब होते हैं लेकिन वक्त की भागदौड़ में भागते-भागते ये रिश्ते कहीं पीछे रह गए हैं, तो इन दीवाली उन रिश्तों को वक्त दीजिए।
दीपावली दिलों का जोड़ने का त्यौहार होता है इस त्यौहार क्यो ना इसके असली मायनों को समझा जाए। वैसे एक और तरीका है जिससे आप दीवाली के दिन अपने दिलों में रोशनी कर सकते हैं वो ये है कि किसी ज़रूरतमंद के चेहरे पर मुस्कुराहट लाया जाए, इस त्यौहार को अपने और अपनों के लिए तो आप खास बनाएंगे ही पर क्यो ना इस बार किसी अजनबी के चेहरे पर मुस्कुराहट लायी जाए।
क्यो ना इस दीपावली मिठाई की मिठास घोली जाए इन रिश्तों में, बेजान और खामोश हो गए रिश्तों में पटाखों का शोर भरा जाए, अंधेरे में गुम हो चुके इन रिश्तों में दियों की चमक भरी जाए।
एक बार ज़रा इस तरह दीपावली मनाकर देखिए और दिलों में रोशनी, चेहरे पर मुस्कुहारहट और ज़िदंगी में सुकून भरिए।