समय बदल रहा है, परिस्थितियां बदल रही है।
मौसम भी बदल रहा है। अकसर किसी न किसी बीमारी के फैलने के बारे में खबर आ जाती है। किसी नई बीमारी के बारे में सुनने को मिल जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जितनी तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है। उसी तेजी से लोगों की उम्र में कमी आ रही है।
कम उम्र में मृत्यु के सिर्फ यही एक कारण नहीं है बल्कि बहुत से कारण इसके लिए जिम्मेदार है। तकनीक इतनी तेजी से प्रगति कर रहा है कि उसने हमें सुस्त बना दिया है। आज हम सभी काम बिना मेहनत के करना चाहते हैं। लोगों का बस चले तो बिना हाथ पैर हिलाए ही सारा काम कर लें।
यही काम से बचना ही हमारी बीमारी का सबसे बड़ा कारण है।
हाल ही में हुए शोध बताते हैं कि जो व्यक्ति 8 घंटे से ज्यादा ऑफिस में कुर्सी पर बैठते हैं उनकी जीवन कम हो जाता है। ऐसे लोगों की तीन साल में मृत्यु भी हो सकती है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रीवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित शोध की माने तो दुनिया में 4 प्रतिशत मृत्यु का कारण लम्बे समय तक कुर्सी पर बैठना है।
अगर आप भी ऐसे ही लोगों में से एक है जो सबसे ज्यादा कुर्सी पर बैठते हैं तो अपनी आदत को जल्द ही सुधार लीजिए वर्ना यह आपके जीवन के लिए सबसे घातक हो सकता है।
डॉक्टर सलाह देते हैं कि व्यक्ति को लगातार ज्यादा समय तक कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए। थोड़ी थोड़ी देर पर कुर्सी से उठकर आस पास वॉक करना चाहिए। इससे शरीर के सभी भाग एक्टिव मोड में आ जाता है जिससे शरीर फिट रहता है।
वतर्मान में सारे काम बैठे बैठे हो जाते हैं इसलिए कुर्सी पर बैठने वालों की संख्या ज्यादा हो गई। यही कारण है कि कम उम्र में मृत्यु का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है।
पहले के समय में लोग बैठते ही नहीं थे। कड़ी मेहनत करने थे। ज्यादा चलना, हाथ-पैरों से ज्यादा मेहनत करके ही वो अपना कार्य करते थे। यही कारण है कि पहले लोग चुस्त और तंदरुस्त रहते थे।
अब स्थिति बदल गई है। हमारे सारे कार्य बिना हार्ड वर्क के हो जाता है। इससे हमारे फिटनेस पर असर पड़ता है। इसलिए अगर आप भी चाहते हैं कि आप चुस्त रहे तो अपनी आदत को जल्द से जल्द सुधार ले नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं।