ग्राहम यंग
14 साल की उम्र में ग्राहम का रसायन विज्ञान में ज्ञान किसी कॉलेज के प्रोफेसर से भी ज्यादा था. बचपन से ही ग्राहम को रसायन विज्ञान खासकर की तरह तरह के ज़हर बनाने में खास रूचि थी.
घर पर या स्कूल में वो तरह तरह के परिक्षण करके नए नए जहर बनाता था. इन सबके अलावा ग्राहम की रूचि प्रसिद्द हत्यारों में भी थी.
एक तेज़ लेकिन खतरनाक दिमाग वाले ग्राहम के वहशीपन का शिकार और कोई नहीं उसका परिवार था. उसने अपने बनाये जहर का परिक्षण अपने ही परिवार पर किया.
पूरे परिवार की मौत एक ही तरह से होने पर जब उनके मृत शरीरों की जांच की गयी तो पता चला कि उनके शरीर में एक ही जहर है जिसकी वजह से उन सबकी मौत हुई है.
यंग को ग्रिफ्तार किया गया, करीब 9 साल जेल में रखने के बाद उसे छोड़ा गया. लेकिन ग्राहम के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया अब वो पहले से भी खतरनाक हो गया था बाहर निकलने के बाद उसने फिर से अपने बनाये हुए जहर से अपने सहकर्मचारियों की हत्या की.
पुलिस ने उसे फिर से गिरफ्तार किया और कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा दी. ग्राहम को उसकी माउथ तक जेल में ही रखा गया.