निर्भया का बलात्कार करने वाला वहशी जेल से रिहा हो गया.
कारण एक पुराने कानून के तहत नाबालिग को जेल नहीं हो सकती फिर चाहे वो कितना भी खतरनाक अपराधी हो.
जैसा की निर्भया के केस में हुआ, उसके बलात्कारी और हत्यारे को ३ साल सुधारगृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया. वैसे उसकी उम्र इतनी भी कम नहीं थी कि उसे ये समझ नहीं थी कि वो क्या कर रहा है. लेकिन कानून की खामी की वजह से अब वो अपराधी खुला घूम रहा है और क्या पता कल को वो फिर किसी और को अपना शिकार बना ले.
आज हम आपको बतायेंगे कि दुनिया के ऐसे खतरनाक अपराधी बच्चों के बारे में जिनके बारे में पढ़कर आपको खौफ हो जायेगा मासूम बचों से ….
एरिक स्मिथ
13 साल का ये बच्चा किसी आम बच्चे जैसा ही दिखता था. स्कूल में दोस्त मोटे चश्मे की वजह से इसका मज़ा उड़ाते थे. इसके अलावा एरिक के लाल बाल और उसके बड़े कान भी उसे दोस्तों की हंसी का पात्र बनाते थे. एरिक अंदर ही अंदर इन सब बातों से घुटता रहता था.
लेकिन के दिन एरिक के गुस्से का गुबार फूटा जब एक चार साल के बच्चे ने उसको चिढ़ाया. एरिक ने पहले उस बच्चे की पीते की उसके बाद रॉड से मार मार कर उसकी जान ले ली. पुलिस ने एरिक को गिरफ्तार कर लिया. मनोचिकित्सक ने बताया कि एरिक एक अंदर इतना गुस्सा है जिसे वो काबू में नहीं कर सकता और उसके जैसे लोग हमेशा समाज के लिए खतरा बने रहते है. आज भी एरिक कानून की की नज़रबंदी में है और पांच बार उसकी परोल की अर्जी ख़ारिज हो चुकी है.
जोशुआ फिलिप्स
14 साल के जोशुआ फिलिप्स के अपराध को सुनकर तो बड़े से बड़े अपराधी की रूह भी काँप उठेगी.
एक दिन जब जोशुआ की माँ उसके कमरे की सफाई कर रही थी. जोशुआ के बिस्तर के नीचे उन्हें कुछ गीला गीला लगा. उन्हें लगा कि शायद जोशुआ का गद्दा है जो लीक कर रहा है. जब उन्होंने नीचे झुककर देखा तो उनकी साँसे ही रुक गयी. गद्दे में थी एक लाश. जोशुआ के घर के पास रहने वाली एक साथ साल की लड़की की लाश. जो सात दिन से लापता थी.
जोशुआ की मान को भरोसा ही नहीं हुआ ना ही किसी और को क्योंकि उस लड़की को ढूँढने में जोशुआ भी मदद कर रहा था. नाबालिग होने की वजह से जोशुआ को मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता था. लेकिन कोर्ट ने जोशुआ को उम्रकैद की सज़ा सुनाई.
आज भी जोशुआ जेल की सलाखों के पीछे है लेकिन अफ़सोस हमारे देश में नाबालिग बलात्कारी हत्यारा खुला घूम रहा है.
ग्राहम यंग
14 साल की उम्र में ग्राहम का रसायन विज्ञान में ज्ञान किसी कॉलेज के प्रोफेसर से भी ज्यादा था. बचपन से ही ग्राहम को रसायन विज्ञान खासकर की तरह तरह के ज़हर बनाने में खास रूचि थी.
घर पर या स्कूल में वो तरह तरह के परिक्षण करके नए नए जहर बनाता था. इन सबके अलावा ग्राहम की रूचि प्रसिद्द हत्यारों में भी थी.
एक तेज़ लेकिन खतरनाक दिमाग वाले ग्राहम के वहशीपन का शिकार और कोई नहीं उसका परिवार था. उसने अपने बनाये जहर का परिक्षण अपने ही परिवार पर किया.
पूरे परिवार की मौत एक ही तरह से होने पर जब उनके मृत शरीरों की जांच की गयी तो पता चला कि उनके शरीर में एक ही जहर है जिसकी वजह से उन सबकी मौत हुई है.
यंग को ग्रिफ्तार किया गया, करीब 9 साल जेल में रखने के बाद उसे छोड़ा गया. लेकिन ग्राहम के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया अब वो पहले से भी खतरनाक हो गया था बाहर निकलने के बाद उसने फिर से अपने बनाये हुए जहर से अपने सहकर्मचारियों की हत्या की.
पुलिस ने उसे फिर से गिरफ्तार किया और कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा दी. ग्राहम को उसकी माउथ तक जेल में ही रखा गया.
मेडिसिन हैट गर्ल
2013 में हुई इस घटना के बारे में पढ़कर कहीं आपके रगों में बहता खून जम ना जाये. पन्द्रह साल की इस लड़की ने अपने पूरे परिवार को जान से मार डाला था. ये कोई मानसिक रोगी नहीं थी, पूरी तरह तैयारी करके उसने इस घटना को अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर अंजाम दिया था.
उसका बॉयफ्रेंड उम्र में उससे करीब 8 साल बड़ा था. एक दिन मेडिसिन हैट गर्ल नाम से जानी जाने वाली लड़की ने अपने प्रेमी को फ़ोन किया और कहा कि वो अपने परिवार को खत्म करने में उसकी मदद चाहती है. उसका प्रेमी उसके घर आया और दोनों ने बेदर्दी से पहले अपनी सोई हुई मां को गोली मारी, उसके बाद दूसरी बन्दूक उठा कर नीचे कमरे में जाकर अपनी सोई बहनों को गोली से मार दिया. इतना ही नहीं उसके बाद उसने जो किया वो शायद ही कोई इंसान कर सकता है. उसने मांस काटने वाले बड़े चाकू से अपने आठ साल के भाई का गला रेत दिया
सबकी हत्या करने के बाद उसने घर से पैसे चुराए और अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी. कोर्ट में उसने बताया कि वो किसी भी तरह से अनाथ होना चाहती थी जिससे उसे सम्पति मिल जाए और उसे अपने परिवार से भी छुटकारा मिल जाए
कोर्ट ने नेहेमिया को तीन हत्या का दोषी पाया और मरने तक कैद की सजा सुनाई.
देखा आपने किस तरह दुनियाभर के देश नाबालिग अपराधियों के साथ भी उसी तरह का व्यवहार करते है जैसा बालिग अपराधियों के साथ यदि उनके द्वारा किया गया अपराध बहुत ही खतरनाक हो और उनमे आगे चलकर भी अपराधी प्रवृत्ति कम होने के आसार ना हो और एक हमारा देश है जहाँ निर्भय के साथ वहशियत के साथ बलात्कार करने वाले और उसके बाद उसकी हत्या करने वाले को जेल से रिहा किया जा रहा है. इस तरह के मानसिक रूप से बीमार अपराधियों को समाज में खुला छोड़ना बेहद खतरनाक है कल निर्भय थी क्या पता बाहर निकलने के बाद ये किसी और को भी अपना शिकार बना ले.
वक्त रहते हमें कानून में बदलाव करना होगा नहीं तो ना जाने कितनी ही बेकुसूर अपनी अस्मत और जान गँवा बैठेंगी.
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