जिंदा होते हुए जिस व्यक्ति ने चुनाव लड़के के बारे में नहीं सोचा लेकिन आज जब वो मुर्दा है तो चुनाव लड़ रहा है।
यह अजीबोगरीब वाक्या उत्तर प्रदेश के वाराणसी का है। यह वही वाराणसी है जहां के संसदीय क्षेत्र से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आते है।
वाराणसी के शिवपुरा विधानसभा का एक व्यक्ति 9 साल पहले मर गया था लेकिन आज चुनाव लड़ रहा है।
यह व्यक्ति कागजों पर मृत है इसलिए खुद को जिंदा साबित करने के लिए यह अनोखा तरीका अपना रहा है। जिंदा रहते हुए इस बारे में उसने स्वयं भी नहीं सोचा होगा।
अक्षय कुमार की एलएलबी-2 अभी हाल ही में आपने देखी होगी।
एलएलबी-2 में अक्षय कुमार पहला केस जिस व्यक्ति का लड़ते हैं उसमें वह व्यक्ति मृत होता है, जिसे जिंदा साबित करने के लिए अक्षय केस लड़ते हैं। फिल्मी दुनिया से बाहर आए तो उत्तर प्रदेश चुनाव में एक व्यक्ति ऐसा भी है जो खुद को जिंदा साबित करने के लिए केस तो पिछले कई सालों से लड़ रहा है लेकिन इस बार वह चुनाव भी लड़ रहा है।
इस मुर्दा का नाम संतोष मूरत सिंह है। संतोष मूरत सिंह अपने गले में एक तख्ती लटका रखी है जिसमें लिखा है ‘जिंदा हूं मैं’ और अपने हाथों में तिरंगा लिये हुआ है।
संतोष मूरत सिंह के माता पिता नहीं है और यह लम्बे समय से मुम्बई में रहता था।
इनके पैतृक गांव की कई बीघा जमीन उनके पड़ोसियों ने कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं पड़ोसियों ने इस कागजों पर मृत घोषित कर मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा दिया। अपने अस्तित्व की लड़ाई संतोष मूरत सिंह पिछले नौ साल से लड़ रहे हैं। इसके लिए वह जंतर-मंतर पर धरने से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन उन्हें अबतक न्याय नहीं मिला।
जहां एक ओर विभिन्न राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में है वहीं संतोष मूरत सिंह के लिए यह एक मुद्दा ही उनके लिए सबसे बड़ा है।
पिछले चुनाव में भी संतोष ने नामांकन किया था लेकिन तब उसका नामांकन रद्द कर दिया गया था। अब संतोष का यह नायाब तरीका कितना कारगर साबित होगा उनके लिए यह चुनाव के बाद ही समझ आएगा। फिल्हाल उन्हें इस चुनाव से बहुत उम्मीदें है।