सांवले लोगों को – इतिहास गवाह है कि दुनिया में हमेशा से ही काले और सांवले लोगों के साथ भेदभाव और जुल्म होते रहे है.
आज भी कई लोगों के अनुसार सुन्दरता की परिभाषा को गोरे रंग से जोड़कर देखा जाता है. शायद लोगों की इसी मानसिकता का फायदा उठाने के लिए बाज़ारों में दुनिया भर के ऐसे प्रोडक्ट मिल जायेंगे जो गोरा होने का दावा करते है. लेकिन आज हम गोरे लोग नहीं बल्कि सांवले लोगों की बात करने जा रहे है.
जी हाँ अभी हाल ही में एक रिसर्च की गई है जिसमे बताया गया है सांवले लोगों को कभी भी स्किन कैंसर नहीं होता है.
अभी हाल ही में इंदौर में पिगमेंट्रीकॉन 2017 प्रोग्राम में विशेषज्ञों ने इस बात का खुलासा किया है कि भारतीयों की त्वचा दुनिया के अन्य देशों के लोगों की त्वचा के मुकाबले कहीं अधिक अच्छी होती है. इसी के चलते भारत में स्किन कैंसर के मरीज़ ना के बराबर है. अधिकतर भारतीयों की त्वचा सांवली होती है इसलिए उनको स्किन कैंसर होने की संभवना ना के बराबर होती है.
विशेषज्ञों ने आगे बताया कि भारतीयों की त्वचा में एक खास तरह का गुण होता है, जिस कारण लंबे समय तक धूप में रहने के बाद भी सांवले लोगों को कोई नुकसान नहीं होता है और उनकी त्वचा अपनी नैसर्गिकता नहीं खोती है.
वहीं गोरे लोगों के चेहरे पर झुर्रियां जल्दी दिखाई देने लगती है जबकि भारतीयों की त्वचा में ऐसा नहीं होता है इसलिए उनके चेहरे पर उम्र का असर जल्दी नहीं दिखता है.
इसके अलावा इस रिसर्च में गोरा बनाने वाली क्रीम के बारे में भी कई तरह के खुलासे हुए है. विशेषज्ञों की माने तो गोरा बनाने के नाम पर बाज़ार में बिकने वाली स्टेरॉयड क्रीम का इस्तेमाल करना खतरनाक होता है और इसके कई भयानक परिणाम सामने आ सकते है. इसलिए लोगों को स्टेरॉयड क्रीम न लगाने की सलाह दी जाती है.
आपको बता दें कि विदेशों में जहाँ पर गोरे लोग पाए जाते है वहां पर स्किन कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या है. लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों की स्किन सांवली या गेहुँआ कलर की होती है जो गोरे लोगों की अपेक्षा ज्यादा हेल्थी होती है और इन लोगों को स्किन कैंसर की संभवना ना के बराबर ही होती है. अगर आपकी त्वचा भी सांवली है तो आपको कभी स्किन से जुड़ी कोई समस्या नहीं हुई होगी और ना ही कभी होगी.