शरीर में मोटापा घटाने या वजन कम करने के लिए डाइटिंग किया जाता है.
डायटिंग में लोग ऊर्जा युक्त पौष्टिक आहार लेना बंद कर देते है या भोजन ना कर भूखे रहना डायटिंग का सबसे आसान तारिका मानते है, लेकिन भोजन ना करके जो वजन कम करने का रास्ता अपनाया जाता है, वह हानिकारक होता. इस तरह के डायटिंग के नुकशान ज्यादा होते है.
वास्तव डाइटिंग के फायदे कम और नुकसान ज्यादा होता है.
तो आइये जानते है क्या है डायटिंग के नुकशान –
डायटिंग के नुकशान –
1 – शारीरिक कमजोरी
डायटिंग से भोजन में अचानक गिरावट आ जाती है. शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए जो पर्याप्त ऊर्जा चाहिए होता है, वह नहीं मिल पाती और इससे शारीरिक कमजोरी आने लगती है.
2 – अंगों की क्षतिग्रस्तता
आहार की पर्याप्त मात्रा से शरीर के सभी अंग और मासपेशियां स्वास्थ्य और सुचारू रूप से कार्य करती है, लेकिन जैसे ही डायटिंग शुरू करते है, तो शरीर में अचानक भोजन और तत्वों की कमी से अंगों में कमजोरी आने से क्षतिग्रस्त होने लगते है.
3 – पोषक तत्वों में कमी
डायटिंग में दैनिक जीवन के आहार को बहुत कम कर दिया जाता है, जिससे भोजन में मिलने वाले पोषक तत्व शरीर में नहीं पहुँच पाते और सब्जी फल और खाद्य पदार्थो से शरीर को मिलने पोषक तत्वों में कमी आने लगती है.
4 – बाल झड़ना
डायटिंग से पोषक तत्वों में कमी आने और पर्याप्त प्रोटीन विटामिन ना मिलने से बालों की समस्या शुरू हो जाती और बाल अपने आप झड़ने लगते है. सिर पर गंजापन आने लगता है.
5 – धीमी शारीरिक प्रतिक्रिया
डायटिंग से शरीर में भोजन नहीं पहुँच पाता, जिसके कारण शरीर के अंगों में निष्क्रियता आने लगती है और शरीर की सारी प्रक्रिया धीमी हो जाती है और ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है. सोचने समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है और मस्तिष्क भी ठीक से काम नहीं कर पाता. शरीर की आंतरिक क्रिया धीमी होने लगती है.
6 – जल असंतुलन
डायटिंग से शरीर में भोजन के साथ पानी की कमी भी होने लगती है. ज्यादातर भोजन करते रहने से शरीर अपने आप पानी की मांग करता है. जिससे हमे प्यास लगती है. लेकिन खाली पेट में ना तो ज्यादा प्यास लगती है और ना ही ज्यादा पानी पी पाते है. इससे शरीर में जल असंतुलन हो जाता है.
7 – रक्त संचार में कमी
हम जो भोजन करते है. वही तरल होकर रक्त रूप में शरीर में संचारित होता है लेकिन डायटिंग के कारण शरीर का रक्त संचार भी प्रभावित होता है.
8 – भार बढ़ना
डायटिंग के कारण अचानक से भोजन का स्तर कम हो जाता है और खाद्य पदार्थ नहीं मिलने से शरीर में चयापचय की दर धीमी हो जाती है. अचानक भोजन छोड़ने और करने से वजन कम हो की जगह बढ़ने लगता है.
9 – निस्तेज शरीर
पर्याप्त आहार ना मिलने से शरीर की खूबसूरती और ताजगी भी खत्म होने लगती है, जिससे शरीर कमजोर मुर्झाया और निस्तेज दिखाई देता है.
डिप्रेशन और चिडचिडापन
भोजन की सही मात्र शरीर में ना पहुँच पाने से, शरीर में कर्बोहाइड्रेट और चीनी की खपत नहीं हो पाती, जिससे शरीर के अंदर सेरोटोनिन स्तर गिर जाता है और डिप्रेशन आने लागता है. यही हार्मोन ‘खुश’ हार्मोन होता है. शारीरिक कमजोरी और डिप्रेशन होने से दिमाग में अपने आप ही चिडचिडापन आने लगता है.
मोटापा कम करने के लिए डायटिंग अपनाया जाता है, जिसमे शरीर के आहार की बढ़ी हुई मात्र को अचानक कम करने की या रोकने की कोशिश की जाती है, जिसके कारण शरीर के आंतरिक व बाह्य अंगों को अचानक धक्का लगता है जिसके कारण डायटिंग के फायदे कम और डायटिंग के नुकसान ज्यादा हो जाते है.
डायटिंग के नुकशान को देखकर क्या आप डायटिंग करना पसंद करेंगे?
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