रंजीत अब जाल में पूरी तरह फंस चुका था.
अब बदनामी के डर से वो ना चाहते हुए भी दामिनी के हाथों की कठपुतली बन चुका था.
दामिनी ने अपने आकाओं के इशारे पर रंजीत को और बुरी तरह फंसाने लगी. अब जो खुफिया सुचना रंजीत भारतीय सेना के बारे में निकालता उस सूचना को पाकिस्तानी हैंडलर तक पहुँचाने की जिम्मेदारी भी अब रंजीत की ही थी.
हुस्न के जाल में फंसकर रंजीत देश की सुरक्षा का सौदा कर बैठा. दामिनी के बारे में जानने के बाद अब गुप्तचर संस्थाएं नए पुराने 2000 से भी ज्यादा सैनिकों के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाल रही है. ये देखने के लिए कि क्या रंजीत एकलौता था जिसे इस तरह के जाल में फंसाया गया या फिर रंजीत की तरह ही कई और सेना से जुड़े लोगों को हुस्न और सेक्स के जाल में फांस कर देश के महत्वपूर्ण राज गलत हाथों में पहुंचा दिए गए.