दलाई लामा चुनने की प्रक्रिया – बौद्ध धर्म में दलाई लामा की खास अहमियत होती है।
तब कोई तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु की मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी की खोज की जाती है। ये पूरी प्रक्रिया बहुत पेचीदा होती है। उत्तराधिकारी का चुनाव वंश पंरपरा या वोट के बजाय पुनर्जन्म के आधार पर तय होता है।
कुछ मामलों में धर्मगुरु अपने अवतार संबंधी कुछ संकेत छोड़ जाते हैं। धर्म गुरु की मौत के बाद इन संकेतों की मदद से ऐसे बच्चों की लिस्ट बनाई जाती है जो धर्म गुरु के अवतार जैसे हों। इसमें सबसे ज्यादा जिस बात का ध्यान रखा जाता है वो है ऐसे बच्चों की लिस्ट बनाना जो धर्मगुरु की मौत के 9 महीने बाद पैदा हुए हों।
अब लामा की खोज दुनियाभर में की जाती है। 1993 में 13वें दलाई लामा की मौत हुई थी। उनकी मृत्यु के बाद अगले दलाई लामा की खोज की गई। खोज के समय पाया गया कि मृत लामा का शरीर दक्षिण दिशा से मुड़कर कुछ ही दिन में पूर्व दिशा की ओर आ गया। माना जाता है कि जिस दिशा में शव आया उसी दिशा में अजीब किस्म के बादल देखे गए और वहीं बने महल के खंभे पर तारे की शेप वाली फफूंद भी उग आई।
दलाई लामा चुनने की प्रक्रिया –
इस खोजी अभियान के कार्यवाहक राजाघ्यक्ष ने कई दिन के ध्यान और पूजा के बाद पवित्र झील में अ, क, म अक्षरों की आकृतियां, हरे गोमेज और सुनहरी छत वाला एक मठ और मूंगिया रंग की छत वाला घर देखा। इसके साल भर बाद ल्हासा से गए खोजी दल ने पूर्व के आम्ददो प्रांत में एक ऐसी ही छत वाले कुंबुंभ मठ के पास मूंगिया छत वाले घर में रहने वाले किसान के बच्चे को देखा। इस बच्चे ने 13वें दलाई लामा के सहयोगियों, मालाओं, छड़ी और अन्य चीज़ों को आसानी से पहचान लिया। किसान का वो ही बेटा आज दलाई लामा है। 14वें दलाई लामा का नाम तेनजिन ग्यात्सो है।
बौद्ध धर्म में दलाई लामा को बहुत माना जाता है। ये सर्वोपरि होते हैं और इनसे कोई भी आसानी से नहीं मिल सकता है। उनका जन्म 6 जुलाई, 1935 को उत्तरी तिब्बत में आमदो के एक छोटे से गांव तकछेर में हुआ था। 14वें दलाई लामा के पिता एक किसान थे। दो साल की उम्र में ही उन्हें 13वें दलाई लामा के अवतार के रूप में जाना जाने लगा।
तिब्बत में लामा बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक गुरु या नेता को कहा जाता है। यहां पर लामा साधना बहुत प्रसिद्ध है। तिब्बती मान्यताओं के अनुसार लामा कोई सामान्य शब्द नहीं है बल्कि एक ऐसे शख्स के लिए प्रयोग किया जाता है जो सर्वश्रेष्ठ हो।
तिब्बती भाषा में लामा को ब्ला-मा कहा जाता है और इसका मतलब होता है श्रेष्ठतम व्यक्ति। ऐसा माना जाता है कि यह नाम केवल एक ही व्यक्ति को मिल सकता है लेकिन अब यह शब्द लामा साधना में विभिन्न उपलब्धियां हासिल कर चुके बौद्ध भिक्षुओं को भी दिया जाता है लेकिन उनका पद दलाई लामा से नीचे ही होता है।
अब आप इतना तो समझ ही गए होंगें कि बौद्ध धर्म में नया दलाई लामा चुनने की प्रक्रिया मुश्किल है।