आंधी और तूफान – पिछले कुछ सालो से मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया है, कहीं गर्मी में बरसात हो रही है, तो मॉनसून में बारिश का नामोनिशान नहीं रहता, इसकी वजह क्लाइमेंट में आ रहे बदलाव. मौजूदा समय में देश के कई कोनों से आंधी और तूफान से मची तबाही की खबरें सामने आ रही हैं. इनमें काफी लोग अपनी जान गँवा चुके हैं.
आइये आपको बताते हैं कि आखिर आंधी और तूफान क्यों आते हैं और हमारे देश में तूफानों ने कितनी तबाही मचाई है.
आंधी और तूफान
इसलिए आते हैं आंधी और तूफान
गर्मियों में चलने वाली आंधियां आमतौर पर तापमान के बढ़ने की वजह से हवा का दवाव कम होने के कारण आती हैं. इस हवा के दवाव को बैलेंस करने के लिए ठंडी जगह से ज्यादा दवाव वाली हवा तेजी से गर्म जगह की तरफ बढ़ने लगती है, जो अपने साथ धूल भी लेकर आती है जो आगे जाकर आंधी का रूप ले लेती है.
ये होते हैं सबसे खतरनाक तूफान
सबसे खतरनाक तूफान वे होते हैं जिनमें हवा गोल घेरे में तेजी के साथ घूमती है. इस तरह के तूफानों को बवंडर (Tornado), चक्रवात (Cyclone) या हरीकेन (Hurricane) कहा जाता है.
यहां आते हैं सबसे ज्यादा बवंडर
NOAA National Severe Storms Laboratory के सीनियर रिसर्च साईटिस्ट Harold Brook के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा बवंडर US के बाहरी इलाकों में आते हैं. इसके अलावा साउथBrazil, पूर्व-पश्चिमी Argentina, Uruguay और दक्षिण-पश्चिमी Paraguay में सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं.
हाल में भारत के इन इलाकों में आंधी तूफान ने बहुत तबाही मचाई है.
उत्तरप्रदेश
उत्तरप्रदेश में आए आंधी-तूफान ने सबसे ज्यादा आगरा के आसपास के क्षेत्र को प्रभावित किया है. इनमें खेरागढ़, फतेहाबाद, पिनाहट और अछनेरा जैसे इलाके शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में कुल 47 लोग और 156 से ज्यादा जानवरों की मौत हुई है. उत्तरप्रदेश सरकार ने वहां 48 घंटों के लिए अलर्ट भी जारी कर दिया है.
राजस्थान में भी भारी नुकसान
आंधी-तूफान ने राजस्थान के भारपुर, धौलपुर, अलवर और झुंजनु जिलों में भी जमकर अपना कहर बरपाया है. राजस्थान में अभी तक 32 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
प्रधानमंत्री ने भी जताया शोक
देश की अलग-अलग जगहों पर आंधी और तूफान में मारे गए लोगों के प्रति पीएम मोदी ने शोक जताया है और घायलों के जल्दी ठीक होने की कामनाएं की हैं. साथ ही उन्होंने प्रभावित लोगों की मदद के लिए अधिकारियों और राज्य सरकारों को भी निर्देश दिए हैं.
करने होंगे ये उपाय
आंधी-तूफ़ान को रातों-रात रोकना मुमकिन नहीं है. इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं पर काबू पाने के लिए हमें पेड़ों की कटाई पर रोक लगानी पड़ेगी और जंगलों के संरक्षण पर जोर देना होगा.
रोकना होगा प्रदूषण
पेड़ों के साथ-साथ हमें सीएफसी गैसों का बढ़ना भी रोकना होगा. इसके लिए फ्रिज, एयर कंडीशनर जैसी चीजों का इस्तेमाल कम करना होगा और प्रदूषण रोकने के हर संभव उपाय करने होंगे.
आंधी और तूफान – पिछले कुछ सालों से जिस रफ्तार से मौसम करवट बदल रहा है यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले वक्त में इंसानों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है, मौसम में ये अप्रत्याशित बदलाव पेड़ों के कटने और प्रदूषण के कारण हो रहा, तो अचानक आने वाले आंधी तूफान से बचने के लिए पेड़ों की कटाई रोकनी और प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना ज़रूरी है.
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