पहले पहल कोहिनूर के शापित होने की बात को वहम माना गया
धीरे धीरे ये बात पुख्ता होती गयी कि इस हीरे के साथ कुछ ना कुछ अपशकुन ज़रूर जुड़ा है.
काकतीय वंश ने जब इस हीरे पर अधिकार जमाया तो तुगल शाह के साथ युद्ध में हार गया और उसके बाद वंश का नाश हो गया. 13वीं सदी से लेकर 16 वीं सदी के बीच ये हीरा अलग अलग मुस्लिम बादशाहों के पास रहा और आश्चर्य की बात ये है कि उन सबका अंत बहुत बुरा हुआ.