6 – गर्दन को कांटेदार फ्रेम से बांधा जाता था-
सजा का ये तरीका बहुत ही दर्दनाक होता था। इसमें कैदी को लकड़ी या मेटल से बने नुकीले कांटेदार फ्रेम के बीच बांध दिया जाता था। इसमें न तो वो सिर जमीन पर टिका सकता था और न ही खा-पी सकता था। यहां तक कि इसमें सिर हिलाना भी मुश्किल था।