4 – चक्के पर बांध कर तोड़ी जाती थीं हड्डियां-
टॉर्चर का ये क्रूर तरीका मध्यकाल में इस्तेमाल किया गया। इसका सार्वजनिक तौर पर मौत की सजा के लिए इस्तेमाल किया जाता था। चक्के पर कैदी को लिटाकर बांध दिया जाता था और उसे घुमाया जाता था जिससे उसकी हड्डियाँ टूट जाती थी और जब तक जान नहीं चली जाती थी तब तक चक्का घूमता रहता था। वैसे इस क्रूर तरीके से जर्मनी में 19 वीं शताब्दी तक सजा दी जाती थी।