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गुस्‍से में लोगों ने मार दिए 300 मगरमच्छ, जानिए क्‍या है पूरा मामला

मगरमच्छों का मामला

मगरमच्छों का मामला – इंडोनशिया में मुस्लिम आबादी सबसे ज्‍यादा रहती है और ये दुनिया का चौथा सबसे ज्‍यादा आबादी वाला देश है।

पर्यटकों के बीच ये देश बहुत मशहूर है और भारत से भी बड़ी संख्‍या में लोग इंडोनेशिया घूमने जाते हैं।

ये बहुत खूबसूरत देश है और शायद यही वजह है कि यहां पर सालभर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन आज हम जिस बारे में जिक्र करने वाले हैं उससे इंडोनशिया में फैला आक्रोश दिखाई देता है।

कई दिनों से बदले की आग में झुलस रहे इंडोनेशिया के लोगों ने अब राहत की सांस ली है। बताया जा रहा है कि एक व्‍यक्‍ति की मौत से लोगों में आक्रोश था और इस वजह से उन लोगों ने एक ऐसी घटना को अंजाम दिया जिसकी दुनियाभर के देशों में आलोचना हो रही है। वाकई में इस घटना के बारे में जानकर आपको दुख भी होगा और गुस्‍सा भी आएगा।

क्‍या है मगरमच्छों का मामला

सूत्रों के मुताबिक जिस व्‍यक्‍ति की मौत हुई है वो अपने पशुओं को चारा देने के लिए घास ढूंढने गया था और अचानक मगरमच्‍छों के बाड़े में गिर गया। इसके बाद मगरमच्‍छों ने उस व्‍यक्‍ति के एक पैर को काट लिया और दूसरे मगरमच्छ के पिछले हिस्‍से से टकराकर उसकी मौत हो गई।

इसके बाद लोगों में इतना आक्रोश था कि उन्‍होंने बाड़े में मौजूद 300 मगरमच्‍छों को जान से मार दिया। पुलिस का कहना है कि आवासीय इलाके के पास फार्म की मौजूदगी को लेकर लोग बहुत गुस्‍सा थे और इसकी शिकायत लेकर मृतक के परिवार के साथ स्‍थानीय पुलिस के पास गए थे। स्‍थानीय संरक्षण एजेंसी के प्रमुख ने बताया कि फार्म मुआवज़ा देने को तैयार है।

इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि उन्‍होंने भीड़ को रोकने की बहुत कोशिश की थी लेकिन भीड़ इतनी ज्‍यादा थी कि वो इसे रोक नहीं पाए। भीड़ में मौजूद लोगों के पास चाकू, छुरा और खुरपा थे और उन्‍होंने चार ईंच लंबे बच्‍चों से लेकर दो मीटर तक के 292 मगरमच्‍छों को मार डाला। यह घटना इंडो‍नेशिया के वेस्‍ट पापुआ के सोरोंग जिले में हुई थी। अब यहां पर मगरमच्‍छों की लाशों का ढेर लगा हुआ है।

इस घटना के बाद से पूरे इलाके में मातम सा छा गया है और लगता है कि पुलिस भी इस घटना के बाद से डर गई है। हर जगह इस कृत्‍य की आलोचना हो रही है।

इस घटना के बाद से एक सवाल ये भी उठता है कि हम इंसान कितने ज्‍यादा खुदगर्ज हो चुके हैं जो अपने बदले के लिए जानवरों की जान लेने पर उतारू हो गए हैं। हमे एक खरोंच आई नहीं कि हम उस जानवर की जान लेने तक पर उतारू हो जाते हैं।

जानवरों पर अत्‍याचार और हिंसा का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है जब जानवरों पर इंसानों की बर्बरता सामने आई हो। एक इंसान की मौत का इतना बड़ा बदला लेने के बारे में मानवता की दुहाई देने वाला इंसान सोच भी कैसे सकता है।

मगरमच्छों का मामला जिसको लेकर हर कोई हैरान है कि आखिर दुनिया में मानवता बची भी है या नहीं।