रेपिस्ट का चेहरा – सबके दिमाग में हमेशा ये बात आती होगी कि कोई आंतकवादी, रेपिस्ट या किसी भी अपराधी को पुलिस जब भी लेकर जाती है तो उनका मुंह हमेशा ढक देती है।
इस तरह की कई बातें आपने सुनी भी होंगी और आपके खुद के दिमाग में भी कभी न कभी ये बात आई होगी कि रेपिस्ट का चेहरा छिपाकर क्यों रखा जाता है लेकिन ऐसा करने के पीछे पुलिस का क्या मकसद होता है कि वो अपराधियों का चेहरा ढंक देते हैं।
तो चलिए हम आपको बतातें हैं कि रेपिस्ट का चेहरा क्यों छिपाया जाता है।
सबसे पहली और ठोस वजह ये है कि हमारे संविधान के मानवाधिकारों में लिखा है कि जब तक किसी को सज़ा नही मिल जाती तब तक किसी को अपराधी घोषित नहीं कर सकते हैं।
पुलिस के सामने बहुत से ऐसे केस आते हैं जिसमें एफआईआर में दोषी का नाम नहीं लिखा होता है और उसके खिलाफ बयान देने वाले गवाह भी पहचान नहीं पाते हैं।
ऐसे में पुलिस एक पहचान परेड करवाती है जिसमें पीडि़त व्यक्ति के सामने अपराधी के अलावा कई लोगों को सामने दिखाती है। अगर पुलिस पहले ही दुनिया के सामने अपराधी का चेहरा दिखा देगी तो पीडि़त के द्वारा दी गई गवाही पर विश्वास कैसे किया जाएगा।
पुलिस ऐसा इसलिए करती है कि वह केस की अच्छे से जांच पड़ताल करके किसी नतीजे पर पहुच सके। ऐसा करके गवाही और शिनाख्त की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए अपराधी का चेहरा ढ़का जाता है।
इस प्रकार से देखा जाए तो पुलिस अपना कार्य और फर्ज पूरी ईमानदारी से निभाती है ताकि किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उम्मीद करते हैं कि आप इस बात को भली-भांति समझ गए होंगें कि पुलिस किसी रेपिस्ट का चेहरा क्यों छिपाती है।