हमारा देश कितनी भी तरक्की कर लें लेकिन जब तक हमारे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध होता रहेंगे । तब तक देश का विकास कोई मायने नही रखता ।
हाल ही में आई इंटरनेशनल रिसर्च के मुताबिक दुनियाभर में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों वाले देशों की लिस्ट में भारत चौथे नंबर है ।
जहां हर एक घंटे में 22 महिलाएं रेप का शिकार होती है । और हैरानी की बात ये है कि सरकार दारा चलाये जा रहे इतने अभियानों के बावजूद भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के ये आकङे हर साल बढते जा रहे है । इंटरनेशनल ट्रस्ट tomson return trust ने ये रिसर्च पेश की है जिसमें भारत को महिलाओं की स्थिति के हिसाब से सबसे खराब देशों में बताया और भारत की काफी आलोचनाएं की गई । हालांकि ये हम भी जानते है कि ये आलोचनाओं गलत नही है। यहां दुनियाभर महिलाओं के खिलाफ अपराध होते है इस बारे में बात नही करेंगे । क्योंकि हमारे देश की खुद हालत बहुत ज्यादा बुरी है ।
रिसर्च के मुताबिक भारत में हर एक घंटे में महिलाएं 26 अलग अलग तरह के अपराधों में आ शिकार होती है । हैरानी की बात ये है कि इसमें ज्यादातर महिला का पति, करीबी रिश्तेदार होते हैं। रिसर्च के मुताबिक भारत ही नही दुनियाभर में हर तीन में से एक महिला यौन शोषण से पीङित होती है । जिसमें दोषी उनका पति होता है । क्योंकि शादी के बाद पत्नी के साथ जबरन संबंध को लोग रेप नही माने । जबकि एक महिला शादीशुदा हो या सिंगल उसके शरीर पर सिर्फ उसका अधिकार है। हमारे देश में कई जगह अभी भी लङकी शादी कम उम्र में हो जाती है जिस वजह से वो महिलाएं कम उम्र में ही लिगली रेप का शिकार होती है । क्योंकि वो उसकी शिकायत नही कर सकती ।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 15 साल से 19 उम्र के बीच की 77 प्रतिशत शादीशुदा महिलाएं अपने पति के हाथों यौन शोषण और दूसरी शारीरिक हिंसा का शिकार होती है । इसके आलावा रिसर्च में ये भी सामने आया है कि 15 से 18 साल की उम्र की लङकिया चाहे वो शादीशुदा हो या कुवांरी किसी न किसी शारीरिक हिंसा का शिकार होती है । और इन मामलों में पति , बॉयफ्रेंड , परिवार का कोई सदस्य या रिश्तेदार शामिल होता है। यानि कि हमारे देश में ज्यादातर महिलाओं के साथ अपराध उनके अपने ही करते है । जो कि बहुत शर्मनाक बात है ।
International centre research on woman की रिसर्च में ये भी खुलासा हुआ कि भारत में हर 5 पुरुषों में से 3 पुरुषों ने अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड के साथ कभी न कभी जबर्दस्ती की है । वही भारत की क्राइम ब्रांच की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन 100 महिलाओं के साथ बलात्कार होता है ।वही एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में रेप के 3.27 लाख मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें इजाफा ही हुआ है कमी नही आई है। वही इन मामालो में से 95000 से अधिक मामले भारत के न्यायालयों में निलंबित है । और फाइल के रुप में धूल खा रहे है । भारत में रहने वाली 60 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने माना कि वो कभी न कभी शारीरिक हिंसा शिकार हुई है ।
ये रिसर्च तो उन मामलो के आधार पर की गई है जो नेशनल क्राइम ब्रांच में दर्ज है लेकिन भारत के गांवों में रहने वाली महिलाओं की हालत शहरों से भी ज्यादा खराब है क्योंकि यहां के अधिकतर मामले तो दर्ज ही नही होते ।
ये आकङे एक विकासशील देश की नाकामयबी की निशानी है । जिसे कानून या सेफ्टी से नही सिर्फ नई सोच से बदला जा सकता है। ओर इस बदलाव की शुरुआत किसी को तो करनी होगी फिर वो आप या हम क्यों नही ।
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