मिचेल जॉनसन-
ऑस्ट्रेलिया का यह प्रमुख हथियार युवा उम्र से ही बल्लेबाजों के लिए कहर बन चुका था। मगर 2009-10 की एशेज सीरीज में जॉनसन पूरी तरह फीके रहे। लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट में उन्होंने 200 रन देकर सिर्फ तीन विकेट लिए। मार्च 2010 से नवंबर 2013 के बीच मिचेल को 46 टेस्ट में से सिर्फ 17 में मौका दिया गया। उन्होंने इस दौरान 39.9 की औसत से 50 विकेट लिए। इसके बाद जॉनसन ने खूब मेहनत की और 2013 एशेज दौरे के सबसे सफल गेंदबाज बने। उन्होंने 2013 में 20.70 की औसत से 94 विकेट चटकाए। जॉनसन टीम के तेज गेंदबाजी की जान बन गए।