भारत में क्रिकेट के खेल के करोड़ों प्रशंसक हैं।
इस खेल के दीवाने आपको भारत के कोने-कोने में मिल जाएंगे। क्रिकेट की दीवानगी का आलम ये है कि इसे भारत में धर्म की तरह पूजा जाता है और खिलाड़ियों को प्रशंसक सिर-आंखों पर बैठाते हैं। लेकिन भारत में जितनी लोकप्रियता क्रिकेट के खेल को हासिल है उतनी किसी और खेल को नहीं है।
भारत में वैसे तो कई तरह के खेल खेले जाते हैं लेकिन बाकी दूसरे खेल के सामने बौने नजर आते हैं। कहने को हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है लेकिन हॉकी की क्या दुर्दशा है ये किसी से छिपा नहीं है। आखिर क्या वजह है कि भारत में क्रिकेट के अलावा कोई और खेल इतना लोकप्रिय नहीं है। आइए आपको बताते हैं 3 बड़े कारण।
1 – समय-समय पर मिलते रहे हैं स्टार खिलाड़ी:
भारत ने जब से क्रिकेट खेलना शुरू किया और टीम के पहले विश्व कप जीतने तक भारत को इस खेल में समय-समय पर स्टार खिलाड़ी मिलते रहे हैं, जिन्हें प्रशंसक काफी पंसद करते हैं या फिर अपना रोल मॉडल मानते हैं। पहले कपिल देव, सुनील गावस्कर जैसे सितारों ने दर्शकों के दिलों पर राज किया तो फिर मोहम्मद अजहरुद्दीन दर्शकों के चहेते रहे। लेकिन इसके बाद तो जैसे भारतीय टीम को स्टार खिलाड़ियों की फौज ही मिल गई। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग जैसे सितारों ने खेल को बिल्कुल बदलकर ही रख दिया और भारत में क्रिकेट को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा दिया। भारत के कोने-कोने में इन खिलाड़ियों को पहचाना जाने लगा और प्रशंसक इन्हें अपना भगवान मानने लगे। इनके बाद महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, विराट कोहली जैसे सितारों ने अपनी चमक बिखेरी और प्रशंसकों के दिलों पर राज करने लगे।
वहीं इस दौरान दूसरे किसी भी खेल में भारत को कोई भी ऐसा स्टार नहीं मिल सका जिसे प्रशंसक अपना हीरो बना सकते। हालांकि हॉकी में जब मेजर ध्यानचंद खेला करते थे तो उस समय भारत में हॉकी की लोकप्रियता अपने चरम पर थी। इसके बाद धनराज पिल्ले के समय में भी हॉकी का काफी नाम था लेकिन बाद में इस खेल ने कोई हीरो पैदा नहीं किए।
2 – क्रिकेट में भारत का असीम सफलताओं को हासिल करना:
क्रिकेट के खेल में भारतीय टीम लगातार शानदार खेल दिखाती रही है और बड़ी सफलताओं को हासिल किया है। साल 1983 का विश्व कप जीतने के बाद भारत साल 2003 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा। तो वहीं टीम इंडिया ने साल 2007 में खेला गया पहला टी20 विश्व कप भी अपने नाम किया। इसके बाद भी भारतीय टीम का शानदार सफर जारी रहा और टीम इंडिया ने साल 2011 में विश्व कप के खिताब को दूसरी बार जीता। वहीं इस दौरान टीम इंडिया ने 2 बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती। क्रिकेट के मुकाबले अन्य खेलों में भारत उतना अच्छा खेल नहीं दिखा सका।
3 – पूरे भारत में क्रिकेट को बराबर पसंद किया जाना:
भारत में क्रिकेट का खेल एकमात्र ऐसा खेल है जिसे पूरे भारत में बराबरी की लोकप्रियता हासिल है। क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों की लोकप्रियता या तो कुछ राज्यों में या फिर भारत के कुछ ही हिस्सों में है। उदाहरण के तौर पर फुटबॉल को कोलकाता, गोवा और नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में बेहद पसंद किया जाता है लेकिन इन राज्यों के अलावा भारत में फुटबॉल की ज्यादा पूछ नहीं हैं। वहीं हॉकी को पंजाब, हरियाणा को छोड़कर शायद ही देश के किसी और कोने में पसंद किया जाता है। लेकिन क्रिकेट का खेल ऐसा है जिसे कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पसंद किया जाता है।
सही मायनों में किसी भी खेल को बड़ा बनाते हैं खिलाड़ी। क्रिकेट में भारत को कई बड़े खिलाड़ी मिलते रहे हैं जिन्हें युवा अपना रोल मॉडल मानते हैं। ऐसा पीढ़ी दर पीढ़ी चला है। मौजूदा दौर में विराट कोहली भारत के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले खिलाड़ी हैं और हर युवा कोहली की तरह बनना या फिर दिखना चाहता है। ऐसे में अगर ऐसा क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों में भी हुआ होता तो आज दूसरे खेल भी क्रिकेट जितना लोकप्रिय होते।
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