क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच – भारत में सबसे ज्यादा किसी खेल को पसंद किया जाता है तो वो क्रिकेट ही है।
भले ही इस देश में राष्ट्रीय खेल हॉकी को बनाया गया है लेकिन यहां पर क्रिकेट को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है।
क्रिकेट मैच देखने के लिए दर्शक खेल शुरु होने से एक घंटे पहले ही बैठ जाते हैं और जब तक पूरा मैच खत्म नहीं होता तब तक मैदान से जाते नहीं है। पूरे मैच का मज़ा लेते हुए दर्शक अनुमान लगाते रहते हैं कि कब कौन जीतेगा, कौन हारेगा, कौन छक्का लगाएगा और कौन विकेट लेगा।
वहीं मैच के खत्म होने पर दर्शक अनुमान लगाते हैं कि क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच कौन बनेगा और किस खिलाड़ी को ये खिताब बनेगा। आपको बता दें कि 99 प्रतिशत लोगों को ये पता नहीं होता है कि क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच कौन चुनता है।
आज इस पोस्ट के ज़रिए हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि खेल के अंत में क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच कौन चुनता है।
बनती है कमेटी
आपको बता दें कि क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच चुनने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाता है और इस कमेटी में वही लोग होते हैं जो मैच की कमेंट्री कर रह होते हैं। कमेंटर पूरे मैच को ध्यान से देखते हैं और खेल की हर बारीकी पर नज़र रखते हैं। इसके अलावा कमेटी में कुछ पूर्व खिलाडी और मैच रैफरी को भी शामिल किया जाता है।
चुनते हैं मैन ऑफ द मैच
इस कमेटी के सदस्य अपनी समझ से खेल के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को मैन ऑफ द मैच बनाते हैं। इसके बाद मैन ऑफ द मैच जीतने वाले खिलाड़ी के नाम की घोषणा होती है और उस खिलाड़ी को ट्रॉफी और पुरस्कार दिया जाता है।
क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच देते समय मैदान में सभी टीम के खिलाडियों को बुलााया जाता है और उनके सामने मैन ऑफ द मैच के नाम की घोषणा होती है। इस दौरान मैन ऑफ द मैच, मैन ऑफ द सीरीज़ जैसे कई अवॉर्ड्स खिलाडियों को दिए जाते हैं। इन सभी का चयन कमेटी द्वारा ही किया जाता है और कई बार कमेटी अपना फैसला लेने में गलती भी कर देती है जिससे उसे खिलाडियों की नाराज़गी भी झेलनी पड़ती है। यह कमेटी बहुत सोच-समझकर फैसला लेती है।
क्या आपको क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच चुनने का ये तरीका सही लगता है या फिर इसके लिए कोई और प्रक्रिया होनी चाहिए ?
दोस्तों, क्रिकेट के खेल का वो मैदान है जहां पर दो टीमें ही नहीं खेलती बल्कि उनके देशों की हार-जीत का फैसला होना होता है। क्रिकेट के मामले में भारत और पाकिस्तान का मैच सबसे ज्यादा मजेदार होता है। इस मैच में दोनों देशों में बहुत जोश और उत्साह देखने को मिलता है और इन दोनों देशों के बीच की प्रतिद्विंदिता और खेल के लिए दीवानगी को देखकर विदेशी खिलाड़ी तक हैरान रह जाते हैं।
जंग के मैदान में तो भारत और पाकिस्तान की लड़ाई को लोग देख नहीं सकते लेकिन खेल के मैदान में हर दर्शक अपने देश के खिलाड़ी को अपने देश की शान के लिए लड़ते हुए देख सकता है।