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आज की क्रैकिंग न्यूज़ : कैंटीन में बना मटन रोगन जोश है संसद रद्द करवाने का कारण
चलिए अब आपको सीधे ले चलते है दिल्ली, जहाँ संसद का मानसून सत्र चल रहा है. पीछे कुछ दिनों से विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष हंगामे मचा रहा था और सरकार को जवाब देने को कह रहा था.
आज जब मानसून सत्र शुरू हुआ तो जवाब मांगने की जगह विपक्ष ने फिर हंगामा मचाना शुरू कर दिया. स्पीकर ने लाख समझाया कि ये ना ही उनका तबेला है ना ही उनकी गली जहाँ वो गुंडई करते है.
लाख समझाने पर भी कोई सांसद नहीं माना इस से थककर सभापति ने दोनों सदन आज पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिए.
सुना है फेसबुक पर भी क्रांतिकारियों ने इसका बड़ा विरोध जताया और कहा कि एक दिन की गतिविधि में इतना खर्चा होता है फिर भी ये लोग संसद में हंगामा मचा कर कार्यवाही स्थगित करवा देते है.
वैसे अन्दर की बात जो हमें पता चली है वो ये है कि दिन में 36 बार थूक बिलोने वाले और 50 बार क्रांति की टट्टी और 22 बार बुद्धि की उलटी करने वाले वेल्ले निठल्ले फेस्बुकियों की असली समस्या ये थी कि आज के पोस्ट उन्होंने संसद की कार्यवाही पर लिखने का सोचा था और इन मुएँ नेताओं ने सब पर पानी फेर दिया.
अब किसको कोसेंगे किसका पोस्टमार्टम करेंगे और किसकी बात का क्या उल्टा सीधा अर्थ निकालेंगे.
इन बेचारों की हालत भी हमारे जैसी ही है हम टी आर पी के लिए मरते है और कभी कभी अपनी भी मरवाते है और ये बेचारे भी असल दुनिया में कैसे भी हो इन्टरनेट की दुनिया की झूठी पहचान और लाइक कमेन्ट और शेयर के चक्कर में ना जाने कितना खून पसीना एक करते है.
तो जब आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित हो गयी तो थक हार कर इन्हें फिर से या तो कविता और चुटकुलों का सहारा लेना पड़ेगा या फिर पुराने मुद्दों की बात करनी पड़ेगी.
याकूब मेमन की बात भी नहीं कर सकते फांसी का सपोर्ट करें तो लोग गाली देंगे सपोर्ट न करे तो विरोध करेंगे.
अब अपनी विश्वासपात्र आभासी जनता के लिए वही लिखना पड़ेगा ना जो उनको पसंद है.
चलिए इसी बात पर वो गाना हो जाये
“जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे, तुम दिन को अगर रात कहो तो रात कहेंगे”
चलिए ये तो हुई फेसबुक के क्रांतिकारियों की बात अब आपको बताते है जो हमारे विशेष संवाददाता दीपक ने नगमा की तरफ झांकते रिकॉर्ड किया.
दीपक ने जो बात हमें बताई वो बहुत ही चौंकाने वाली है. दीपक ने बताया की सदन स्थगित करने में सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष दोनों मिले हुए है.
हुआ कुछ ऐसा है कि आज संसद की सस्ती वाली कैंटीन में आज मटन रोगन जोश बना है. जैसे ही ये बात सांसदों को पता चली तो वो सभापति से जल्दी संसद का समय ख़त्म करने के लिए कहने लगे.
संवैधानिक रूप से तो ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि संसद स्थगित कर दी जाए. इसलिए सभी संसद सदस्यों ने मिलकर ये फैसला लिया कि हंगामा हल्ला झगडा ही हर समस्या का हल है भारत में.
बस फिर क्या था इधर से कांग्रेस के सांसद उधर से बीजेपी वाले दोनों साइड से हो गए शुरू सर फुटव्वल में. सभापति को हार कर दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी पर उनकी शर्त थी कि कार्यवाही स्थगित तभी होगा जब उनको टिफिन भर के रोगन जोश मिलेगा.
इस बात की खबर जब श्री श्री अरविन्द केजरीवाल के पास पहुंची तो उन्होंने बिना पूरी बात सुने ही मोदी, नजीब जंग, धरना, विरोध ना जाने क्या क्या बोलना शुरू कर दिया. जब एक ठुल्ले ने आकर उनको संभाला तो उन्होंने एक बहुत ही समझदारीपूर्ण बयान में कहा कि “सब मिले हुए है ”
आज के समाचार यहीं समाप्त
वो क्या है ना कि हमारे सभी रिपोर्टर भी आज फोकट का रोगन जोश ठूंसने गए है.