मैं बसकर स्वामी एक बार फिर आप सबका स्वागत करता हूँ ND तिवारी टीवी पर.
आज की क्रैकिंग न्यूज़
सलमान खुर्शीद का बुझा दिया भी फड़फ़डाया पब्लिसिटी के लिए…
बीजेपी के अच्छे दिन की गाडी रास्ता भूली, 25 साल लगेंगे आने में…
अब समाचार विस्तार से…
आज की बड़ी खबर ये है कि सुपर डैशिंग सलमान खुर्शीद वापस आ गए है सुर्खियाँ बटोरने के लिए. लोकसभा चुनाव और बाद में दिल्ली विधानसभा में सूपड़ा साफ़ करवाने के बाद से खुर्शीद लगभग गायब ही हो गए थे.
सुर्ख़ियों के नाम पर ले देकर उनके पास बस एक वो विडियो था जिसमें वो नाच रहे थे.
पर अब उनके चाहने वालों के लिए अच्छी खबर है,सलमान खुर्शीद की शांति तूफ़ान से पहले वाली शांति थी वो तैयारी कर रहे थे अपने शिष्य राहुल गाँधी के सामने एक अच्छा उदहारण प्रस्तुत करने का .
कुछ दिन पहले दिग्गी राजा ने अमेठी के एक स्टूडेंट के लिए स्मृति ईरानी को बोला था, जो वहां से हारी हुयी सांसद है.
उनके इस अखंड तुचियापे को देखकर बड़े बड़े टुचिये भी हैरत में आ गए पर खुर्शीद बाबा ने इसे एक चुनौती की तरह लिया और सन्यास से बाहर निकल कर रमजान के पाक महीने में दिग्गी को भी पीछे छोड़ने वाला बयान देकर एक बार फिर राहुल का द्रोणाचार्य होने का सुबूत दिया.
तो अब आपको बताते है खुर्शीद के वो अनमोल वचन जिसे सुनकर चवन्नी IQ वाला भी खुद को न्यूटन समझने लगेगा.
सलमान खुर्शीद माफ़ कीजिये, सुपर सेकुलर खुर्शीद के अनुसार देश की राजनीति के काल अध्याय आपातकाल के लिए जनता और विपक्ष को माफ़ी मांगनी चाहिए.
अरे अरे गिरिये मत हँसते हुए, ये कोई चुटकुला नहीं ये सच्चाई है. सुना है कांग्रेस एक कैंपेन भी चलाने वाली है जिसमे वो लोग जनता और विपक्ष से माफीनामे पर हस्ताक्षर करवाएंगे. इस कैंपेन की अगुवाई जननायक जगदीश टाइटलर करेंगे.
अब देखना ये है की सलमान खुर्शीद के इस मास्टर स्ट्रोक वाले तुचियापे के बाद दिग्गी राजा क्या करते है ?
वैसे गुप्त सूत्रों से पता चला है कि ये मूर्खतापूर्ण बयान देने की जो दौड़ लगी है वो राहुल गाँधी का गुरु बनने को नहीं अपितु रिहान वाड्रा का गुरु बनने की है .
जब तक रिहान अपने मामा राहुल को बेवकूफियों में पीछे नहीं छोड़ देते तब तक ये दोनों उन्हें नए नए उपाय बताते रहेंगे.
चलिए अब चलते है अगली बड़ी खबर की तरफ
मैं रंजना व्हाट्स अप आप सबका स्वागत करती हूँ, पिछले कुछ दिनों से पिम्पल की वजह से मैं आप लोगो के सामने नहीं आ सकी
ये खबर भक्तों के लिए है कहर और विरोधियों के लिए है हफ्ते भर का ट्रेंडिंग टॉपिक. इस खबर को तो मसाला तड़का मारने की भी ज़रूरत नहीं है. ये खबर पहले से ही इतनी चटपटी है.
16 मई 2014 को रवाना हुयी अच्छे दिनों की बुलेट ट्रेन धीरे धीरे राजधानी शताब्दी बनी फिर पैसेंजर और अब तो लगता है बैल गाड़ी बन गयी.
100 दिन में अच्छे दिन से शुरू हुआ जुमलों का सफ़र सबसे पहले पहुंचा 2019 तक अच्छे दिनों वाले स्टेशन और फिर अपने मंत्रियों और संतरियों की काम करने की स्पीड और आलसी निकम्मी मुफ्तखोर जनता को काम ना करते देख ये अच्छे दिन की ट्रेन अब 25 साल बाद स्टेशन पर आएगी.
अध्यक्ष और चाणक्य के पुर्नजन्म अमित शाह ने कल कहा की क्या अच्छे दिन अच्छे दिन लगा रखे है. अच्छे दिन तुम्हारे नहीं आने वाले, तुम्हारे पप्पू , राजू, दीपू और मुन्नी के आयेंगे जब वो बड़े हो जायेंगे. बोले तो 25 साल बाद.
जहाँ सब विरोधी इस बात को लेकर धोती लोटा लेकर पीछे पड़े हुए है वहीँ भक्तों का कहना है कि अमित शाह ने एक दम सही कहा है .
बुड्ढे जो कब्र में लटके बैठे है उनके दिन अच्छे नहीं पूरे होते है, जिन्दगी तो निकाल दी कांग्रेस से तुचिया बनने में और अब भजन कीर्तन की उम्र में अच्छे दिन चाहिए.
भक्तों की ऐसी बातें सुनकर हमारे वरिष्ठ पत्रकार खबीस कुमार ने एक ओपन लैटर लिखा है अमित शाह को. पर उनके ओपन लैटर को श्रुति सेठ जैसी पब्लिसिटी नहीं मिली है.
खबीस कुमार इसका ज़िम्मेदार कॉमेडी सर्कस को मानते है जो कि उनके शो क्राइम टाइम से ज्यादा कॉमिक है.
अब हम माफ़ी चाहते है, हम सब जा रहे है हमारे प्यारे खबीस कुमार के आंसू पौंछने.
बाकि कल मिलते है नयी ख़बरों और नए मेक अप के साथ ND तिवारी न्यूज़ पर.