एक बार फिर मैं ‘बसकर स्वामी ’ आपका स्वागत करता हूँ ND तिवारी इंडिया न्यूज़ पर.
आज की क्रैकिंग न्यूज़ : आधा भारत आज मना रहा है अपना जन्मदिन.
आगे देखिये ग्रीस संकट से कैसे मचा हडकंप गुजरात में
अब खबर विस्तार से
आज की सबसे बड़ी खबर ये है. भारत के अधिकांश 40 से ऊपर के लोग आज अपना जन्मदिन मना रहे है. आंकड़ों की माने तो लगभग 12-१५ करोड़ लोग आज अपने पैदा होने की ख़ुशी मना रहे है.
पूरी दुनिया के वैज्ञानिक अचरज में है कि ऐसा आखिर कैसे हो सकता है कि एक देश के इतने सारे लोगों का जन्मदिन एक ही दिन हो. इस बात की जांच पड़ताल करने के लिए हमारे खोजी पत्रकार देश भर में घुमे और जगह जगह स्टिंग किया. वैसे वो स्टिंग आपको दिखा नहीं सकते क्योंकि अधिकतर स्टिंग हम लोगों ने बेडरूम बाथरूम और चेंजिंग रूम में किये है.
हाँ तो अब आपकी बात करवाते है हमारे एक गोपनीय सूत्र से जिसे ढूंढ निकाला हमारे खोजी पत्रकार ने. तो आइये आपको बताते है वो राज़ जिसे पूरी दुनिया के बुद्धिजीवी और वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाए.
हमारे विशेष सूत्र की माने तो वो खुद भी जिम्मेदार है 2000 -3000 लोगों के जन्मदिन के लिए.
अब हम आपको बताते है वो राज़ जो उन्होंने हमें बताया.
बात ये है कि पहले के समय में इतने बच्चे होते थे लोगों के और फिर इतनी खिट खिट अब कोई लंगोट धोये और टट्टियाँ साफ़ करे या जन्मदिन याद रखे.
तकरीबन 5-7 साल की उम्र तक तो उनका जन्म तो हो गया होता था पर कोई जन्मदिन नहीं होता था.
और फिर एक दिन आँख नाक से गंगा जमुना बहाते, कंधे पर झोला लटकाए और बड़े भाई की छोटी हुई हाफ पेंट और शर्ट पहनकर रोते बिलखते, चीखते चिल्लाते जाते थे स्कूल बोले तो विद्यालय और कहलाते थे विद्यार्थी बोले तो जो विद्या की अर्थी निकाल देता है.
जैसे ही वहां पहुँचते तो सामे बैठा होता एक सफ़ेद कुरते पायजामे में एक भोला भला स दिखने वाला, शांति की मूर्ती मास्टर साब, और यही
मास्टर साब देते थे 7 साल पहले पैदा हुए बच्चों को जन्मदिन.
अब स्कूल में इतना काम होता है तो कौन लिखे अलग अलग जन्मदिन और कौन याद रखे तो बस बैठाओ चपरासी को और रजिस्टर में लिखना शुरू करो
रामलाल उम्र 6 साल जन्मदिन 1 जुलाई
किशन उम्र 7 साल जन्मदिन 1 जुलाई
रहमत अली उम्र 5 साल जन्मदिन 1 जुलाई
इसी तरह जितने एडमिशन होते सब के सब 1 जुलाई को ही पैदा करवा दिए जाते है.
1 जुलाई जन्मदिन संघर्ष समिति के अध्यक्ष पप्पू लाल पांडे ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर कहा है की 1 जुलाई को राष्ट्रीय जन्मदिन घोषित कर दिया जाए, मांग पूरी ना होने पर वो लोग कम्युनिस्टो के साथ मिलकर फेसबुक और ट्विटर पर क्रांति का बिगुल बजायेंगे.
अब आपको बताते है कि हमारे विशेष सूत्र कौन है.
हमारे विशेष सूत्र है “बरकत गोस्वामी ” जो की पंडित बद्री प्रसाद हर हर बोले उच्च माध्यमिक विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य और मेरे पिता है.
और उन्ही की बदौलत आज मैं भी अपना जन्मदिन मना रहा हूँ.
अब अगली खबर के लिए चलते है गुजरात
“रंजना व्हाट्स अप ” के पास जब तक वो मेकअप करे तब तक लेते है छोटासा ब्रेक
“मैं रंजना व्हाट्स अप ” ब्रेक के बाद आपका स्वागत करती हूँ . गुजरात में कुछ नहीं हुआ है, गुजरात में खतरा है, अल्पसंख्यक मारे जा रहे है देखिये आपको मिलते है उनसे जिनका घर जला दिया गया.
व्हाट्स अप चुप ये 2014 चुनाव वाला राईट अप है आज की न्यूज़ दूसरी है, जब देखो वही स्क्रिप्ट लेकर शुरू हो जाती हो.
दूसरी स्क्रिप्ट पढो (बसकर जोर से चिल्लाता है )
ओह माफ़ करियेगा मैं ज़रा भावनाओं में बह गयी थी. गुजरात से खबर ये है कि कल ग्रीस के कंगाल होने की खबर से गुजरात के बड़े हिस्से में अफरा तफरी मच गयी.
सब लोग फ़ोन कर कर के एक दुसरे को सांत्वना दे रहे थे. जब इस बारे में हमने गुजरात के एक हीरा व्यापारी गिरीश भाई से पुछा तो उन्होंने बताया.
“रंजना बेन अब तुमको क्या बताये कल न ठीक से कहा सके न पी सके , खाखरा भी गले से नहीं उतर रहा था दारू पीने भी दमन दीव जाना पड़ा, साला कंगाल ग्रीस हो रहा है और पूरे गुजरात के गिरिस नाम के लोगों को फ़ोन कर कर के सब परेसान कर रहे है.
तमेरे को क्या बताऊ क्या हालत थी . कभी जामनगर के काका पूछते ए गिरिस धन्धा चौपट हो गया तूने बताया नहीं, तो कभी सूरत वाले मामा ए गिरिस सट्टा खेलने को मना किया था फिर भी खेला देख अब हो गया ना कंगाल…”
मैं तो बोलता हूँ ग्रीस को किसी गिरिस के हवाले करदो सब प्रॉब्लम ठीक हो जाएगी.
देखा आपने दर्शकों प्रधानमंत्री मोदी के राज में क्या हालत हो गयी गुजरात की. गुजरात के सभी गिरिस नाम के लोगों का धंधा चौपट हो गया, बताइये कौन है जिम्मेदार? क्या नरेन्द्र मोदी इस्तीफा देंगे ?
बसकर फिर चिल्लाता है
“अरे हटाओ इस ड्रामा क्वीन को स्क्रीन पर से घडी घडी नौटंकी करती है, कितना गला फाड़ती है, इसे समझाओ ग्रीस और गिरिस में अंतर होता है ”
दर्शको आज के समाचार यही ख़त्म.
एक तो बचपन में बाप ने 1 जुलाई जन्मदिन लिखवाकर राष्ट्रिय जन्मदिन मनवा दिया ऊपर से ये रंजना व्हाट्स अप जिसे ग्रीस और गिरिस का अंतर नहीं पता.
साला लोग ठीक ही कहते है जो कुछ नहीं करना चाहता वो पत्रकार बन जाता है.