अभी तक आप ने इंसानों की कब्र के बारे में सुना होगा.
लेकिन उत्तर प्रदेश बहराइच जिले में एक ऐसी कब्र मिली है जिसके बारे में लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा. यहाँ गायों की हत्या करके गायों की कब्र बनाये गए थी.
जब से यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बनी है तब से गायों की हत्या और अवैध बूचड़खानों को लेकर छापेमारी की जा रही है.
इसी क्रम में जिला प्रशासन को लोगों से सूचना मिली थी कि बहराइच के एक डॉक्टर के फार्म हाउस पर गायों की हत्या कर उनके शव जमीन में दबा दिए जाते हैं.
सूचना पर जब छापा मारा गया तो वहां बड़ी तादाद में मवेशियों की कब्रों का पता.
बहराइच के अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी और एसडीएम कैसरगंज अमिताभ यादव की अगुवाई में पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम ने फार्म हाउस पर छापा मारा तो फार्म हाउस पर गायों की कब्र के अलावा दर्जनों जिंदा गायें और बछड़े भी मिले.
साथ ही छापे में कई तरह की आयुर्वेदिक दवाओं के पैकेट, कैप्सूल, टैबलेट वगैरह भी बरामद किए गए हैं. इसको देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि दवाइयां बनाने के लिए इन पशुओं का इस्तेमाल किया जाता रहा होगा.
आशंका जताई जा रही है कि पशुओं के अंगों से ये दवाएं बनाई जाती थीं.
खबर है कि प्रशासन ने फार्म हाउस को कब्जे में ले लिया है. कब्रों को खोदकर उसमें दफन पशु कंकालों को निकाला जा रहा है ताकि पता चल सके कि ये शव किन पशुओं के हैं.
बताया जाता है कि डॉक्टर जेएन मिश्र ने यहां अस्थाई गोशाला बना रखी थी, जो गाये दूध नहीं देती थीं, उनको उन गायों को लोग यहां छोड़ जाते थे.
शुरूआती जांच में सामने आया है कि यहां गायों को बहुत ही कम चारा मिलता था और फिर मरने के बाद उन्हें यहीं दफन कर दिया जाता था. इसी से कुछ लोगों को शक हुआ और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी.
पता चला है कि डॉक्टर जेएन मिश्र बहराइच के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी यानी एसीएमओ हैं और फखरपुर थाना क्षेत्र के बुबकापुर गांव में उनका फार्म हाउस है. यहां गौरक्षा के नाम पर गाये रखी जाती थी.
जहां स्थानीय लोगों की शिकायत पर डॉक्टर जेएन मिश्र के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है वहीं लोगों में इसको लेकर काफी गुस्सा भी है.