सोशल मीडिया का प्यार – प्यार, इश्क, मोहब्बत और फिर शादी.
ये पहले बहुत मायने रखता था, लेकिन कुछ समय से इस मोहब्बत में एक ऐसी चीज़ आ गई है जो असली मोहब्बत को कहीं पीछे छोड़ दी है.
वो चीज़ है सोशल मीडिया, सोशल मीडिया का प्यार. इसपर लड़कियों की खूबसूरत प्रोफाइल देखकर लड़के खुश हो जाते हैं और उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज देते हैं. लड़कियां भी लड़कों की इस पहल को स्वीकार कर लेती हैं. दोनों में दोस्ती हो जाती है. ये दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदलने लगती है. यही प्यार उन्हें साथ जीने के लिए प्रेरित करता है. फिर ये सोशल मीडिया का प्यार शादी के बंधन में बंध जाती है.
दो जोड़ों की इस कहानी का द एंड कर दिया है कोर्ट ने.
अब आप सोच रहे होंगे कि कोर्ट अपने इतने पेंडिंग फैसले छोड़कर भला इस तरह के मामले में क्यों टांग अड़ा रहा है? उसे क्या पड़ी है दो प्रेमियों के बीच आने की, लेकिन इस मामले में कोर्ट नहीं बल्कि यही दो प्रेमी जा पहुंचे हैं. अपने प्रेम को तोड़ने के लिए ये जोड़े कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा रहे हैं. युवाओं में नये मित्र और जीवनसाथी ढूंढने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लेने की बढ़ती प्रवृत्ति पर गुजरात उच्च न्यायालय ने एक दंपति को अपना विवाह संबंध समाप्त करने की सलाह दी है.
कोर्ट ने लोगों को ऐसा करने के लिए मना किया है. असल में एक दम्पति शादी के सिर्फ दो महीने बाद ही कोर्ट पहुँच गए और ये शिकायत करने लगें कि उनकी शादी ठीक नहीं है. इसे तोड़ना है. कोर्ट ने पहले पूरे मामले को सुना. महज़ दो महीने पहले सोशल साइट्स पर एक-दूसरे को देखने के बाद प्यार में पड़ना और फिर शादी कर लेना, यही थी इन दोनों के प्यार की कहानी.
इतने कम समय में बिना एक-दूसरे को अच्छे से जाने शादी के बंधन में बंध जाने की इतनी बड़ी गलती को कोर्ट ने मुहर लगाते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की शादियाँ टिकेंगी नहीं.
बिना सोचे समझे इस तरह से शादी का जो ये नया तरीका समाज में फ़ैल रहा है, इससे निकट भविष्य में और भी कई शादियाँ टूटेंगी. कपल खुश नहीं रहेंगे और उनके साथ उनका परिवार भी ये सब भुगतेगा. भले ही आज के युवाओं के कोर्ट का ये बयान कुछ ख़ास न लगा हो, लेकिन इतना तो तय है कि कोर्ट ने बड़ी ही समझदारी से इस मसले पर अपना बयान दिया है.
ऐसा बयान गुजरात की कोर्ट ने दिया है, लेकिन ये बिलकुल सही है.
आज समाज में ऐसी शादियाँ बहुत ज्यादा टूट रही हैं, जो बिना समझे बुझे जल्दबाजी में कर ली जा रही हैं. आजकल के युवा अपने पेरेंट्स की नहीं सुनते और एक पल में किसी को अपना दिल दे बैठते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि ये उनका सबसे सही फैसला है, लेकिन हर काम की जल्दबाजी की ही तरह वो शादी जैसे अमूल चीज़ को भी मज़ाक बनाकर रख दिए हैं.
उन्हें अब शादी भी एक मज़ाक लगने लगा है.
सोशल मीडिया पर प्यार – बहरहाल कोर्ट ने अपना बयान देकर एक तरह से युवाओं को सचेत किया है कि निकट भविष्य में वो ऐसा कुछ न करें. अपने जीवन को सही दिशा में ले जाएं.