टीचर बनने के लिए – टीचर अथवा शिक्षक एक ऐसी नौकरी है, जो समाज को एक नई दिशा दिखाती है।
हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णनन तो अपने आपको राष्ट्रपति से पहले एक शिक्षक कहलाना पसंद करते थे, तो ऐसे महान कार्य को कौन नहीं करना चाहेगा। रोजगार की द्रिष्टि से भी देखा जाए तो यह एक शानदार जॉब है, जिसमें योग्यता के अनुसार अवसरों की भरमार है।
तो आइये जानते है टीचर बनने के लिए – टीचर से जुड़े कुछ आवश्यक कोर्सेज और परीक्षाएं, जो मदद करेंगें आपका सपना पूरा करने में।
टीचर बनने के लिए –
1. बीएड (बेचलर ऑफ़ एजुकेशन)-
शिक्षक बनने के लिए यह बेहद लोकप्रिय कोर्स है। पहले ये कोर्स 1 वर्ष का होता था, 2015 के बाद इसे 2 वर्ष का कर दिया गया है। इस कोर्स को करने के लिए आपको ग्रेजुएट होना अनिवार्य है।
2. बीपीएड (बेचलर इन फिजिकल एजुकेशन) –
फिजिकल एजुकेशन के जरिये रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। इसमें दो तरह के कोर्स होते हैं, जिन लोगों ने ग्रेजुएशन स्तर पर फिजिकल एजुकेशन को विषय के रूप में पढ़ा है, वह 1 वर्ष वाला बीपीएड कोर्स कर सकते हैं। वही जिन्होंने 12 वीं में फिजिकल एजुकेशन पढ़ी है, तो वह तीन साल वाला स्नातक कोर्स कर सकते हैं। इसमें फिटनेस टेस्ट के साथ लिखित परीक्षा और इंटरव्यू भी पास करना होता है।
3. एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग)-
यह दो वर्ष का कोर्स है। इस कोर्स में प्रवेश बारहवी कक्षा के अंकों के आधार पर या कई जगह पर प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। एनटीटी कोर्स करने के बाद उम्मीदवार प्राइमरी टीचर बनने के योग्य हो जाते हैं।
4. बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट)-
यह केवल उत्तर प्रदेश के लिए ही है। यह दो साल का कोर्स करने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसके बाद प्रवेश परीक्षा दे कर प्राइमरी और अपर प्राइमरी लेवल तक के टीचर बन सकते हैं आप ।
5. जेबीटी (जूनियर टीचर ट्रेनिंग)-
इस कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं है। इस कोर्स में प्रवेश कहीं मेरिट तो कहीं प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है।
6. डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) –
डीएड का यह दो वर्षीय कोर्स बिहार तथा मध्यप्रदेश में प्राइमरी शिक्षक के लिए है। इस कोर्स में 12वी के अंकों के आधार पर एडमिशन होता है।
टीचर जैसी जॉब पर पाने के लिए कोर्सेज ही काफी नहीं बल्कि कुछ जरूरी परीक्षाएं भी है, जिनको पास करने के बाद आप अपनी मनपसंद जगह पर पहुँच सकते है।
7. टीईटी ( टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट)–
कई राज्यों में टीईटी परीक्षा का आयोजन बीएड और डीएड कोर्स करने वाले छात्रों के लिए ही होता है। इसके अलावा कई राज्यों में तो जरूरी है कि बीएड के बाद टीईटी परीक्षा भी पास करना जरूरी है। इस परीक्षा को पास करने के बाद राज्य सरकार एक सर्टिफिकेट देती है, जिसकी अवधि 5-7 साल होती है, इस दौरान उम्मीदवार शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है।
8. यूजीसी नेट–
अगर आप लेक्चरर बनना चाहते है, तो इसके लिए एक ख़ास यूजीसी नेट परीक्षा पास करनी होगी। यह परीक्षा हर साल जून और दिसम्बर में होती है। इसके तीन चरण होते हैं ।
9. सीटीईटी (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट)-
अगर आप सेंट्रल गवर्नमेंट की नौकरी करना चाहते है, और केंद्रीय विद्यालय, नवोदय और तिब्बती स्कूल, जैसे स्पेशल स्कूल में शिक्षक बनना चाहते हैं तो उसके लिए आपको यह स्पेशल परीक्षा पास करनी होगी। इस परीक्षा का आयोजन सीबीएसई की ओर से कराया जाता है। सिटीईटी परीक्षा में केवल वही लोग बैठ सकते हैं, जिन्होंने ग्रेजुएशन के साथ बीएड भी किया हो। इस परीक्षा को पास करने के लिए 60 फीसदी अंक लाना अनिवार्य है। इस परीक्षा को पास करने के बाद उम्मीदवार को एक सर्टिफिकेट दिया जाता है जो सात साल तक मान्य रहता है। हालांकि राज्य स्तर की परीक्षा में इस सर्टिफिकेट की कोई उपयोगिता नहीं है।
10. टीजीटी और पीजीटी-
राज्य स्तर की पीजीटी और टीजीटी परीक्षा दिल्ली और उत्तरप्रदेश में ज्यादा लोकप्रिय है। टीजीटी परीक्षा के लिए ग्रेजुएट और बीएड होना जरूरी है, इस परीक्षा के जरिये आप छठी क्लास से लेकर दसवी क्लास तक के बच्चों को पढ़ा सकते है। वही पीजीटी के लिए बीएड के साथ पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी है, इस परीक्षा को पास करने के बाद आप सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी के बच्चों को पढ़ा सकते हैं।
ये है टीचर बनने के लिए कोर्सेस – अक्सर हमारे सामने अनेक विकल्प होते हैं, लेकिन हमे उनके बारे में में पता नहीं होता, या कभी उनके बारे में सुना ही नही होता, इसलिए आपके सपनो को नया आयाम देने के लिए यंगिस्थान द्वारा सुझाए ये टिप्स आपके लिए वरदान साबित हो सकते हैं।ये कोर्सेज आप किसी भी यूनिवर्सिटी या राज्यसरकार के अधीन किसी संस्था से आसानी से कर सकते हैं।