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लव स्टोरी – बस यही एक ही चीज़ जरूरी है आज के इस ज़माने में प्यार करने के लिए!

प्यार करने के लिए

प्यार इस दुनिया का सबसे खूबसूरत और सुखद अनुभव है, सिर्फ इसके अहसास से शरीर ही नहीं बल्कि आत्मा का रोम-रोम रोमांचित हो उठता है.

ढ़ाई अक्षर में सिमटे इस प्यार के आगे दुनिया की सारी दौलत फीकी है. लेकिन ये अनमोल प्यार हर किसी के हिस्से में नहीं आता है. प्यार तो सिर्फ किस्मतवालों को ही नसीब होता है.

प्यार में इतनी ताकत है कि ये दुनिया के मुश्किल से मुश्किल राह को भी आसान बना देती है. राधा-कृष्ण, हीर-रांझा, रोमियो- जुलिएट की प्रेम कहानी ने ही इन्हें अमर कर दिया. जिसे आज भी दुनिया याद करती है.

हम आज आपको बताने जा रहे हैं रोहन और संयोगिता की सच्ची प्रेम कहानी, जिन्होंने ये साबित किया कि प्यार के लिए धन दौलत की जरूरत नहीं है.

तो फिर क्या चाहिए प्यार करने के लिए? सिर्फ एक ही चीज़ ज़रूरी है प्यार करने के लिए!

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आखिर क्या है वो सबसे ज़रूरी चीज़ ये हम आपको इस प्रेम कहानी में बताएंगे.

मुंबई में रहनेवाला रोहन पेशे से एक ग्राफिक्स डिज़ाइनर है. पुरानी नौकरी छोड़ने के बाद रोहन एक नए फर्म में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने पहुंचा.

जैसे ही इंटरव्यू के लिए रोहन एचआर मैनेजर के केबिन में दाखिल हुआ. उसने देखा कि एक महिला अपने लैपटॉप पर निगाहें गड़ाए हुए कुछ काम कर रही थी. उसने इशारे से रोहन को बैठने के लिए कहा.

रोहन सामने की कुर्सी पर बैठ गया और उस महिला ने लैपटॉप से अपनी नज़रे हटाते हुए रोहन की तरफ देखा. रोहन की नज़रें जैसे ही उस महिला से मिली, वो बस एक टक उसे देखता ही रह गया. तभी उस महिला ने कहा कि ‘हाय मेरा नाम है संयोगिता और मैं यहां कि एचआर मैनेजर हूं’.

जिसका जवाब देते हुए रोहन ने कहा कि ‘हाय मेरा नाम रोहन है और मैं यहां ग्राफिक्स डिज़ाइनर के पोस्ट के लिए इंटरव्यू देने आया हूं’.

संयोगिता रोहन का बायोडेटा देखते हुए कहती है कि आप के पास काम का तो काफी अनुभव है लेकिन हमारे पास फिलहाल जूनियर पोस्ट के लिए वैकेंसी है. जो आपके अनुभव के मुताबिक आपके लिए फिट नहीं है.

लेकिन रोहन तो पहली नज़र में ही संयोगिता को दिल दे बैठा, मन ही मन सोचने लगा कि संयोगिता के आस-पास रहने के लिए मेरा इस ऑफिस में काम करना बेहद ज़रूरी है. कुछ देर तक सोचने के बाद उसने कहा कि ‘मैं इस जूनियर पोस्ट पर काम करने के लिए तैयार हूं. मुझे इस नौकरी की ज़रूरत है’.

रोहन की बातों को सुनकर संयोगिता ने कहा कि अच्छे से सोच-समझकर अपना फैसला बता देना. लेकिन रोहन हर हाल में इस नौकरी को पाना चाहता था लिहाजा उसने कहा क्या मैं कल से आ सकता हूं?

संयोगिता ने कहा, ठीक है आप कल से ऑफिस ज्वॉइन कर सकते हैं.

घर पहुंचने के बाद पूरी रात रोहन सो नहीं सका. हर वक्त संयोगिता का चेहरा उसकी आंखों के सामने घूम रहा था. अगले दिन रोहन वक्त से पहले ही ऑफिस पहुंच गया और अपने काम के मोर्चे पर जुट गया. हालांकि काफी अनुभव होने की वजह से उसे काम को समझने में कोई दिक्कत नहीं हुई.

संयोगिता रोहन के पास आई और उससे पूछा कि काम कैसा चल रहा है. रोहन ने कहा- बहुत बढ़ियां.

क्या क्या करना पड़ता है प्यार करने के लिए – रोहन अब हर रोज़ ऑफिस में संयोगिता की एक झलक पाने के लिए कोई-न-कोई बहाना बनाता, अभी कुछ ही दिन बीते थे कि एक दिन संयोगिता ऑफिस के किसी काम को समझाने के लिए रोहन के पास पहुंची.

अभी कंप्युटर पर वो रोहन को कुछ समझा ही रही थी कि रोहन अपने दिल की बात को जुंबा पर आने से नहीं रोक सका.

रोहन ने बहुत ही धीमे स्वर में संयोगिता से कहा कि मैं बहुत दिनों से आपसे कुछ कहना चाहता हूं. संयोगिता ने कहा जल्दी कहो मेरे पास काम बहुत ज्यादा है.

रोहन ने कहा कि मैंने जब पहली बार आपको देखा तबसे आपको चाहने लगा हूं, सोते-जागते हर वक्त आपका चेहरा नज़र आता है. क्या आप मुझसे शादी करेंगी?

रोहन की बातें सुनते ही संयोगिता का चेहरा गुस्से से लाल हो गया.

उसने फौरन रोहन का हाथ पकड़ा और उसे लेकर वहां पहुंची जहां ऑफिस के सभी कर्मचारी बैठे थे.

संयोगिता रोहन से कहने लगी कि ‘अकेले में तो तुम्हें अपनी मोहब्बत का इज़हार करने में ज़रा भी डर नहीं लगा, अब हिम्मत है तो सबके सामने करो अपनी मोहब्बत का इज़हार’.

रोहन ने फिर सबके सामने अपने दिल के जज्बातों को ज़ाहिर किया. ये सुनकर सब हैरत से रोहन को देखने लगे.  लेकिन संयोगिता के गुस्से का पारा और चढ़ गया और रोहन का कॉलर पकड़ते हुए उसने कहा कि यहां से चले जाओ और दोबारा कभी अपनी शक्ल मत दिखाना.

रोहन बाहर जाने के लिए दरवाज़े की ओर बढ़ने लगा यह सोचते हुए कि ये आखिरी मौका है फिर मैं कभी संयोगिता को देख नहीं पाउंगा.

तभी दरवाज़े के पास पहुंचने के बाद रोहन फिर पलटा और संयोगिता से कहने लगा एक बार फिर सोच लो ‘अगर मैं आज इस दरवाज़े से बाहर चला जाउंगा तो फिर कभी लौटकर नहीं आउंगा, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा प्यार करता रहूंगा चाहे तुम मानों या ना मानों’.

संयोगिता के दिलो दिमाग में अजीब सी हलचल मची हुई थी, उसने रोहन को दरवाज़े के पास रोका और उसके पास पहुंची.

संयोगिता ने कहा कि प्यार करने वाले मुझे कई मिल जाएंगे लेकिन तुम जैसा शायद ही कोई मिले, जो सारी दुनिया के सामने अपने प्यार का इज़हार करे. क्योंकि प्यार करने के लिए जो सबसे ज़रूरी चीज़ है वो सिर्फ तुम्हारे पास है और वो है तुम्हारी हिम्मत.

संयोगिता की आंखे खुशी से भर आई और उसने सबके सामने रोहन को कसकर गले लगा लिया और उसे प्यार से चूमते हुए कहने लगी ‘आई लव यू टू’.

रोहन से प्यार का इज़हार करने के बाद संयोगिता के चेहरे पर थोड़ी मायूसी छा गई. रोहन ने पूछा अब क्या हुआ तुम्हें?

संयोगिता ने जवाब देते हुए कहा कि भले ही हम 21वीं सदी में जी रहे हैं लेकिन आज भी हमारा समाज प्यार करनेवालों को हीन भावना से देखता है.

दोनों के घरवाले राज़ी होंगे या नहीं, फिर स्टेटस, पैसा, कुंडली का न मिलना जैसे न जाने कई परेशानियां हमारे प्यार के रास्ते में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं. प्यार करने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है और बहुत कुछ सहना पड़ता है.

अब तुम ही बताओ हम अपने प्यार को शादी के मुकाम तक पहुंचाने के लिए इन परेशानियों का सामना कैसे करेंगे?

रोहन ने कहा जब मैं तुम्हारे साथ हूं तो तुम्हें डरने की ज़रूरत नहीं है. हम दोनों साथ मिलकर इन परेशानियों का हिम्मत से सामना करेंगे और हमारी हिम्मत ही हमें हमारी मंज़िल तक पहुंचाएगी.

रोहन और संयोगिता की प्रेम कहानी से यह सीख मिलती है कि दुनिया में प्यार उसी को मिलता है जिसके पास हिम्मत होती है. अपने प्यार का भरी महफिल में इज़हार करने की और उसे पाने के लिए दुनिया से लड़ने की.

बस, हिम्मत चाहिए प्यार करने के लिए!