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सऊदी अरब नहीं इस देश में दी जाती है सबसे ज्यादा फांसी की सजा !

दुनिया में सबसे अधिक मौत की सजाएं सऊदी अरब में दी जाती हैं. अगर आप भी ऐसा ही सोचने वालों में हैं तो आप गलत हैं.

क्योंकि फांसी की सजा सुनाने में भारत का पडोसी मुल्क पाकिस्तान भी सऊदी अरब से कहीं आगे है.

विश्व मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में अगर सबसे अधिक कहीं लोगों को फांसी दी जाती है तो वह देश है ईरान. आप को जानकर हैरानी होगी कि इस वर्ष ईरान में सबसे ज्यादा फांसी की सजा दी गई है.

हालांकि एमनेस्टी की रिपोर्ट में चीन के आंकड़े शामिल नहीं है. अनुमान है कि वहां हजार से ज्यादा लोगों को फांसी दी गई है. लेकिन चीन अपने यहां फांसी देने वाले लोगों के आंकड़े कभी सार्वजनिक नहीं करता है.

ईरान में सऊदी अरब की 134 मौत की सजा की तुलना में 977 लोगों को मौत की सजा दी है. जबकि इससे पहले साल ईरान में 743 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी.

वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने 2015 में 326 लोगों को फांसी दी गई.

बताया जाता है कि पाकिस्तान में मौत की सजा में एकाएक हुई इस बढ़ोतरी के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के स्कूल में हुए आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान ने अपने यहां मौत की सजा पर लगी रोक को हटा लिया है.

जबकि सऊदी अरब मौत की सजा देने वाले देशों की सूची में 158 फांसी के साथ तीसरे नंबर पर है.

कुछ दिन पहले सउदी अरब ने हत्या के जुर्म शाही खानदान के सदस्य प्रिंस तुर्की बिन सउद अल-कबीर को मौत की सजा दी है. इस साल सऊदी अरब में मौत की सजा पानेवाले अल-कबीर 134वें व्यक्ति हैं.

सऊदी में इस साल एक ही दिन में 50 से ज्यादा को फांसी दी गई है. यहां मौत की सजा पाने वाले अधिकतर लोग मर्डर या फिर ड्रग तस्करी के दोषी होते हैं.

एमनेस्टी की इसी साल अप्रैल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार 2014 की तुलना में पिछले साल पूरे विश्व में फांसी की सजा देने के मामलों में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.

इस मानवाधिकार संस्था ने यह भी कहा कि दुनिया भर में 1989 के बाद 2015 में सबसे अधिक मौत की सजा दी गई.

लेकिन दुनिया के 102 देश ऐसे भी हैं जहां फांसी की सजा का प्रावधान ही नहीं है. गौरतलब है कि मेडागास्कर, फिजी, रिपब्लिक ऑफ कांगो और सूरीनाम जैसे कुछ देशों ने अपने यहां फांसी की सजा का प्रावधान खत्म करने का ऐलान किया.

जहां तक भारत का सवाल है तो भारत में यह कानून लागू है. भारतीय अदालतों ने 2014 में 64 लोगों को मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि भारत में 2015 में सिर्फ एक ही फांसी हुई. पिछले साल जुलाई में नागपुर सेंट्रल जेल में मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी दी गई थी.

दुनिया में 2015 में जिन 608 लोगों को फांसी दी गई उनमें 72 प्रतिशत लोग केवल ईरान, ईराक और सऊदी अरब से थे. जबकि अपराधियों को फांसी की सजा देने वाले 55 देशों में से भारत शीर्ष 10 में एक था.

Vivek Tyagi

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