इस दुनिया का ऐसा कौन सा देश होगा जो खुद को शक्तिशाली बनाना नहीं चाहता.
आज दुनिया का हर देश अपने सैन्यबल और हथियारों की संख्या बढ़ाने में जुटा हुआ है.
लेकिन जहां एक ओर शक्तिशाली टॉप टेन देशो की लिस्ट में अमेरिका, रशिया, चायना और इंडिया ने अपना नाम बरकरार रखा है तो वहीं दुसरी ओर वो 10 देश जिनके पास सैन्य नहीं है.
आपको आश्चर्य हो रहा होगा पर ये हकीकत है.
चलिए हम आपको उन दस देशो के बारे में बताते है, जिनके पास सैन्य नहीं है.
1. समोआ
समोआ 1962 में न्यूजीलैंड की गुलामी से आज़ाद हुआ. आजादी के 54 साल के बाद भी इस देश के पास सैन्यबल नही है. समोआ एक शांतिप्रिय देश है और इनका काम पुलिसबल से चल जाता है. न्यूज़ीलैंड ने आश्वासन दिया है कि ज़रूरत पड़ने पर वो इस देश की मदद के लिये आगे बढ़ेगा. इस देश का छेत्रफल 2842 किलोमीटर तक फैला हुआ है.
2. सोलोमन आइलैंड
यह देश कई द्वीपों का समूह है. सोलोमन आइलैंड 1893 तक ब्रिटेन के संरक्षण में था. इस देश की पहली सरकार 1976 बनी जो ज्यादा दीन नहीं टिक पाई. दअरसल यहां जातिय संघर्ष और अपराधिक मामलो के चलते विवाद बढ़ता चला गया. विवाद इतना बढ़ चूका था कि न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया को मध्यस्थता करते हुए शांति बनानी पड़ी. अब आस्ट्रेलिया इस देश की देखरेख कर रहा है. सोलोमन आइलैंड 28 हजार 400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
3. कोस्टारिका
इस देश में सेना थी पर 1948 में सिविल वार हुआ जिसमे 2000 से ज्यादा लोग मारे गये. उसके बाद उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति जोश फियुरस फेरर ने सेना समाप्त कर दी. मैदानी सुरक्षा, बॉर्डर प्रेटोल और दुसरी अन्य व्यवस्था पुलिस के हाथ में है. एक समझौता के मुताबिक़ अमेरिका, चिली, क्यूब जैसे 21 देश है, जो जरुरत पड़ने पर कोस्टारिका की मदत करेंगे.
4. एंडोरा
यूरोप में स्थित ये देश 1276 में बना. इस देश की मदद के लिए स्पेन और फ्रांस हमेशा सक्रिय रहा है. एंडोरा स्की रिजॉर्ट और ड्यूटी फ्री चीज़ों के लिए चर्चित है. यह देश टैक्स बचाने वाले देश में स्वर्ग माना जाता है. यहां की ख़ास बात ये है कि जो भी शक्श पुलिस फ़ोर्स में भर्ती होना चाहता है उसके पास खुद का हथियार होना चाहिए. एंडोरा कुल 467.6 वर्ग किलोमीटर की हद में है.
5. ग्रेनेडा
ग्रेनेडा एक बार अमरीका जैसे शक्तिशाली देश का हमला झेल चूका है. ये हमला तत्कालीन सरकार और सेना के विवाद के कारण हुआ था. उस समय इस देश के पीएम माऊरिक बिशप थे. हमले के बाद ग्रेनेडा लोकतांत्रिक देश बन गया. इस देश की सारी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के सुपुर्द है. एंटीगुआ, बारबाडोसा, डोमिनिका जैसे देश ग्रेनेडा की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है. यह देश 348.5 वर्ग किलोमीटर लंबा है.
6. मार्शल आइलैंड
यह देश 1983 में स्वतंत्र देश हुआ पर इसे आज भी अमेरिका का ही हिस्सा मानते है. इस देश पर हमला करना मतलब सीधे अमेरिका पर हमला करना है. यह देश 181.4 वर्ग किलोमीटर लम्बा है.
7. लिंचटेंस्टाइन
ये देश उन देशों की लिस्ट में है, जिन्हें सेना की जरूरत महसूस नहीं होती. एस्ट्रो-पर्सियन वॉर (1868) के बाद इस देश ने अपनी सेना तैयार की थी, लेकिन ज्यादा खर्च के चलते इसे खत्म कर दिया गया क्योंकि देश इस खर्च को झेल पाने की स्थिति में नहीं था. सेना की गैरमौजूदगी में यहां की पुलिस सुरक्षा और कानून व्यवस्था संभालती है. हालांकि, सुरक्षा के लिए इस देश की नजर स्विट्जरलैंड मिलिट्री पर रहती है. इसका कुल क्षेत्रफल 160 वर्ग किलोमीटर है.
8. नॉरू
प्रशांत महासागर में स्थित नॉरू दुनिया के सबसे छोटे देशों में शुमार किया जाता है. इसका क्षेत्रफल महज 21.10 वर्ग किलोमीटर ही है. इस कारण से यहां पर सेना नहीं है, बल्कि पुलिस के जिम्मे ही सुरक्षा की जिम्मेदारी है. हालांकि, जरूरत पड़ने पर ऑस्ट्रेलिया इस देश की मदद करने के साथ सुरक्षा के साजोसामान भी मुहैया कराता है.
9. वेटिकेन सिटी
वेटिकन सिटी भी दुनिया के सबसे छोटे देशों में शुमार है. इस देश का क्षेत्रफल 0.44 वर्ग किलोमीटर तथा आबादी 840 है. यह इटली की राजधानी रोम में स्थित है, जिसकी वजह से इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी इटली के पास है. यहां सिर्फ स्विस गार्ड तैनात रहते हैं, जिसका काम पोप और उनके महल की रक्षा करना होता है. यहां जेंडरमेरी कार्प्स भी हैं, लेकिन उनको सेना नहीं कहा जा सकता है. ये पुलिस बल सिर्फ वेटिकन सिटी में कानून व्यवस्था, सुरक्षा, ट्रैफिक नियंत्रण और आपराधिक गतिविधियों की जांच का जिम्मा संभालता है.
10. पलाऊ
पलाऊ के पास भी अपनी सेना नहीं है. यह देश भी अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स पर आश्रित है. ऐसे में हमला होने की स्थिति में उसकी मदद को सबसे पहले अमेरिका ही आता है. 1983 में हुए एक समझौते के तहत अमेरिका, पलाऊ को हर स्थिति में सैन्य मदद देता है. इसका कुल क्षेत्रफल 465.6 वर्ग किलोमीटर है.
ये वो दस देश जिनके पास सैन्य नहीं है पर आत्मबल जरूर है. ये देश हमें शांती का संदेश देते है. ज़रूरी नही कि सारी लड़ाई लड़ कर ही जीती जा सकती है. दिल में प्रेम हो तो ईश्वर आपके साथ है.