भारत के स्कूल – भले ही हिन्दुस्तान से लोग विदेश में पढ़ने जाते हों, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है की हमारे यहाँ स्कूलों की कमी है.
हिन्दुस्तान में कुछ स्कूल ऐसे हैं जहाँ पर विदेशी पढ़ने आते हैं.
सच कहें तो भारत के स्कूल इतने महंगे हैं कि यहाँ पढ़ने का सपना ही कई लोग देख पाते हैं.
हर किसी के नसीब में इन भारत के स्कूल में पढ़ना नहीं होता. सिर्फ इन स्कूलों की बिल्डिंग देखकर ही लोग चलते बनते हैं. हिन्दुस्तान में ऐसे बहुत से स्कूल हैं जो फीस के मामले में विदेशी स्कूलों से भी आगे हैं. आज हम आपको उनमें से कुछ स्कूलों के नाम बताएँगे. उनकी सालाना फीस सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
भारत के स्कूल –
दून स्कूल
इसका नाम और इसमें पढ़ने का ख्वाब तो हर बच्चा देखता है, लेकिन पुरे बहुत कम के होते हैं. यह भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के टॉप स्कूलों में शुमार है. इस स्कूल को दून वैली में 1929 में खोला गया था. यह स्कूल सिर्फ लड़कों के लिए है. यहां से देश के कुछ अमीर घरानों के बच्चों ने पढ़ाई की है. राहुल गांधी, राजीव गांधी, इसी से पढ़े हैं. इस स्कूल की सालाना फीस सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. इसमें पढ़ने के लिए बच्चों को एक साल की फीस 9.7 लाख रुपए भरनी पड़ती है. इतना ही नहीं यहाँ सिक्यूरिटी के तौर पर भी पैसे जमा करवाए जाते हैं. कुल 3,50,000 रुपए सिक्युरिटी के तौर पर जमा कराने होते हैं.
सिंधिया स्कूल
मध्य प्रदेश के ग्वालियर का ये स्कूल न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व के स्कूलों की लिस्ट में आता है. यहाँ पर विदेशी छात्र भी आपको दिख जाएंगे. दूं के बाद यह दूसरा महंगा स्कूल है. सिंधिया स्कूल की सालाना फीस करीब 7,70,800 रुपए है. सलमान खान यही से पढ़ें हैं.
मायो कॉलेज
लड़कों के लिए अलग से एक स्कूल बनाया गया. जिसमें सिर्फ और सिर्फ लड़के ही पढ़ सकें ताकि अपना उज्जवल भविष्य बना सकें. मायो राजस्थान के अजमेर में है. यह ब्यॉयज रेसिडेंशियल पब्लिक स्कूल है, जिसे 1875 में बनाया गया था. यह देश के सबसे पुराने बोर्डिंग स्कूलों में से एक है. इस स्कूल में पढने के लिए सालाना ५ लाख से ज्यादा की फीस देनी होती है.
इकोल मोंडिएल वर्ल्ड स्कूल
यह स्कूल IB प्राइमरी ईयर्स प्रोग्राम, मिडल ईयर्स प्रोग्राम और डिप्लोमा प्रोग्राम के लिए है. ये ग्रेड 9 और 10 के लिए IGCSE भी ऑफर करता है. इस स्कूल की सालाना फीस करीब 10.9 लाख रुपए है. अब आप समझ सकते हैं कि यहाँ अपने बच्चों को कौन पढ़ा सकता है. एक आम इनकम वाला व्यक्ति अपने बच्चों को यहाँ नहीं पढ़ा सकता.
वेलहम ब्यॉयज स्कूल
इसे अगर नेताओं का स्कूल कहें तो गलत नहीं होगा. यहाँ से कई बड़े नेता पढ़कर निकले हैं. यह 30 एकड़ में फैला स्कूल है, जो दून वैली स्कूल के पास ही है. इस स्कूल की सालाना फीस लगभग 5.7 लाख रुपए है. इतना ही नहीं इसके अतिरिक्त भी स्कूल में कई तरह के और चार्ज होते हैं जो देने पड़ते हैं. मणिशंकर अय्यर ने यहीं से पढ़ाई की है.
ये है भारत के स्कूल – अब आपको यकीन होगा कि विदेश में ही नहीं बल्कि हमारे यहाँ भी कितने महंगे स्कूल हैं.