कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस तेजी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए थे उससे कहीं अधिक तेजी अपने होठ सिलने में लगाए.
कहीं ऐसा तो नहीं राहुल गांधी ने उस खबर पर पर्दा डालने के लिए ये सब किया था जिस पर मीडिया ने चर्चा करने के स्थान पर चुप रहना ही बेहतर समझा.
एकाकए छाई इसी चुप्पी के पीछे कहीं अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो नहीं.
प्रधानमंत्री मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप के सबूत होने और इस कारण प्रधानमंत्री उनसे डरने का दावा करने वाले राहुल गांधी इस आरोप के बाद स्वयं कितना डरे हुए हैं इसका पता इससे चलता है कि लोकसभा और मीडिया में मोदी की आलोचना करने वाले राहुल गांधी ने सबको चौंकते हुए एकाकए प्रधानमंत्री के पास जाकर न केवल उनसे मुलाकात की बल्कि इस पूरे मामले पर चुप्पी भी साध ली.
राजनीतिक गलियारों में राहुल गांधी की प्रधानमंत्री मोदी से इस मुलाकात को उनकी गलती की माफी और सफाई के तौर पर देखे जाने के साथ एक दूसरे रूप में भी देखा जा रहा है.
राहुल गांधी ने लगातार दो दिन जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप का हमला बोला उसको लेकर सवाल खड़े हो रहें हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेस में दो बार प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत भ्रष्टाचार और उनके खिलाफ इसके सबूतो की बात को बार बार दोहराया.
दरअसल, राहुल गांधी ही नहीं पूरी कांग्रेस की इस बेचैनी और छटपटाहट के पीछे एक एक खास वजह है.
वह वजह है सोनिया गांधी.
गौरतलब है कि जब राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला उसके कुछ दिन पहले अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले को लेकर खबर आई कि पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी की गिरफ्तारी के बाद जल्द ही संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी सीबीआई पूछताछ कर सकती हैं. हो सकता है कि मनमोहन सिंह के बाद पूछताछ का अगला नंबर सोनिया गांधी का भी आए. जैसे ही सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह से सीबीआई की पूछताछ की खबर मीडिया में आई कांग्रेस के पैरो तले की जमीन खिसक गई.
राहुल गांधी को लगा कि जिस प्रकार नोटबंदी को लेकर एकजुट होकर विपक्ष प्रधानमंत्री पर हमला बोल रहा है और संसद नहीं चलने दे रहा है उसमें कहीं सरकार ने अगस्ता घोटाले में अपने तेवर सख्त कर लिए तो कांग्रेस के सामने समस्या खड़ी हो सकती है.
अगस्ता घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर सोनिया गांधी से कहीं पूछताछ हो गई तो उस स्थिति में विपक्ष कांग्रेस का साथ छोड़ सकता है. कांग्रेस और सोनिया गांधी अगस्ता में फंस गए तो इस मामले में लेने के देने पड़ जांएगे.
इसलिए सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह से पूछताछ को लेकर कोई मीडिया में खबर बने और लोग उस पर चर्चा करे इससे पहले राहुल गांधी ने आनन फानन में एक ऐसा बयान दिया जिसके बाद सब जगह राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी को लेकर दिया बयान ही चर्चा में आ गया और सोनिया गांधी के नाम पर पर्दा डाल दिया गया.
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