कांग्रेस विधायक सुंदर लाल तिवारी – राजनीति का स्तर आने वाले दिनों में कितना गिर सकता है इसका अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है.
जैसे – जैसे चुनाव नजदीक आने लगते है नेता मीडिया में बने रहने के लिए कोई ना कोई विवादस्पद बयान देते रहते हैं ।
जैसे कोन्ट्रोवर्सिल बयान देना पब्लिसिटी पाने का नया तरीका बन गया हो, लेकिन नेता अक्सर इस तरह के बयान देकर ये सोचना भूल जाते है कि उनके इन बयानों से उनकी आम जनता के बीच किसी तरह की छवि बनती है । हालांकि विवाद ज्यादा बढ़ने पर नेता बयान को तोड़मोड़ कर दिखाने, या दूसरी पार्टी दारा बदनाम करने का आरोप लगाकर बचने की कोशिश करते है ।लेकिन यहां सोचने वाली बात ये है कि क्या नेता अपनी सारी मर्यादाएं खोते जा रहे है? जिसमें वो अब शब्दों का चयन करना तक भूल गए है ।
अब मध्य प्रदेश से कांग्रेस के विधायक सुंदर लाल तिवारी को ही देख लीजिए । जिन्होनें मध्य प्रदेश के सीएम के खिलाफ एक ऐसा विवादस्पद बयान दिया जिसे सुन किसी को भी लज्जा आ जाएगी ।
दरअसल मध्य प्रदेश में चुनाव नजदीक आ रहे है ऐसे में नेताओं को मीडिया में छाने के लिए कुछ – कुछ तो करना ही पड़ेगा ।
ऐसे में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक सुंदर लाल तिवारी ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान की तुलना वेश्या से कर दी । कांग्रएस विधायक सुंदर लाल ने कहा कि वेश्या शिवराज सिंह चौहान से भी बेहतर है । और यही नहीं, अपनी बातों को साबित करने के लिए कांग्रेस के विधायक ने वेश्या की ही व्याख्या कर डाली और वेश्या का अर्थ बताने लगे ।
दरअसल कांग्रेस विधायक सुंदर लाल तिवारी ने डिक्शनरी खोल वेश्या का मतलब मीडिया को बताया । सुंदर लाल तिवारी ने कहा कि डिक्शनरी में वेश्या यानी प्रॉस्टिट्यूट का मतलब अपने काम को निंदित काम में लगाना है । अब आप ही सोचिए कि क्या कांग्रेस के ये विधायक मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान की अलोचना ही करना चाहते थे तो क्या किसी ओर शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे ?
क्या अलोचना के इस तरह के शब्द का उपयोग करना और फिर उसे मीडिया के सामने व्याख्यित करना सही है ? आपको बता दें कांग्रेस विधायक सुंदर लाल तिवारी मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़ से कांग्रेंस के विधायक है ।
हालांकि कांग्रेस के ये विधायक इतना विवादस्पद बयान देकर भी नहीं रुके, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के विधायक ने ये भी कहा कि अगर व्यापम घोटाले में सीएम को सजा नहीं होती, तो इसका मतलब है कि राज्य में कानून और नियम सिर्फ गरीबों के लिए है ।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक सुंदर लाल तिवारी के प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही उन्हें ट्रोल किया जा रहा है । लोगों में कांग्रेस के विधायक दारा इस तरह का बयान दिए जाने से खासा नाराजगी है । लेकिन यहां पर ये बात ज्यादा अहम है कि राजनीतिक पार्टियां अपने नेताओं की इस बदजुबानी पर रोक क्यों नहीं लगाती है ।
विवादस्पद बयान चाहे कांग्रेस के नेता दें, भाजपा के नेता दें या फिर किसी अन्य पार्टी के, अगर इसे जनता के नजरिए से देखा जाए तो ये केवल राजनीति के स्तर को ओर ज्यादा गिरता चला जा रहा है, जिसकी अब कोई मर्यादा नहीं रह गई है ।
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