जामवंत
हनुमान की तरह ही जामवंत का भी रामयण में विशेष स्थान है. जब सागर पार करने के समय हनुमान अपनी शक्तियां भूल गए थे तो जामवंत ने ही हनुमान की शक्तियां याद दिलाई थी.जामवंत का वर्णन महाभारत में भी आता है. अज्ञानवश जामवंत श्री कृष्ण से युद्ध करने लगे थे. जब श्री कृष्ण ने उन्हें बताया कि राम और कृष्ण दोनों ही विष्णु के अवतार है और एक ही है तो जामवंत ने कृष्ण से क्षमा मांगी.जामवंत ने अपनी पुत्री जामवंती से विवाह करने का प्रस्ताव भी कृष्ण के सामने रखा.