कॉलेज पासआउट – दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए दौड़ तेज़ हो गयी है।
सभी स्टूडेंट्स विवि के अलग-अलग कॉलेजों की विंड़ो पर फॉर्म जमा करवाने की लंबी कतार में घण्टों खड़े होकर, अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप आवश्यक दस्तावेज़ भूल जाएं या लाइन में खड़ा होने के बाद, किसी दूसरे स्टूडेंट से फलां बात की जानकारी प्राप्त होती है। फिर उस समय आप किस व्यक्ति से मदद ले सकते हैं।
यदि एडमिशन के वक्त इस तरह की समस्या सामने आ जाती है। तो इसके निवारण के लिए स्टूडेंट्स पहले ही अपने कॉलेज पासआउट यानी सीनियर से ज़रूरी जानकारी इकट्ठा कर सकते है। क्योंकि अक्सर सीनियर से कुछ ऐसी जानकारी मिल ही जाती है जोकि कभी-कभार मुसीबत में काम आती है।
अगर कोई स्टूडेंट, सीनियर के पास कॉलेज के बारे में जानकारी हेतु जा ही रहा है तो वो एडमिशन के अलावा कई अन्य बातों पर भी एक्स स्टूडेंट्स से सहायता ले सकता है। तो चलिए जानते है कि कॉलेज के बारे मे वे क्या जानकारियां हो सकती है जो कोई सीनियर अपने जूनियर को बता सकता है।
1 अक्सर सीनियर अपने जूनियर से उनके पसंदीदा कोर्स के बारे में पूछकर ही उनको कॉलेज चुनने की राय देते हैं। क्योंकि कॉलेज पासआउट जानते हैं कि फलां कोर्स के लिए कौन सा कॉलेज बेस्ट रहेगा।
2 यदि विद्यार्थी जानता है उसको कहां पढ़ना है फिर एक्स स्टूडेंट्स उससे कॉलेज के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की नसीहत जरूर देते हैं। इसके साथ-साथ वो कॉलेज का पिछला रिकॉर्ड के बारे में पढ़ने की भी राय देते हैं।
3 कई कॉलेजों में प्रवेश परीक्षाएं भी आयोजित होती है। ऐसे में स्टूडेंट्स,सीनियर से परीक्षा से संबंधित जानकारी इक्ट्ठा कर सकते हैं।
4 कॉलेज के एडमिशन फॉर्म को फिल करते हुए अक्सर विद्यार्थियों को मुसीबत होती है। कभी-कभार विद्यार्थी दूसरा फॉर्म तक मंगवा लेते हैं, यदि किसी विद्यार्थी को फॉर्म समझने में परेशानी हो रही है तो वह अपने सीनियर से सहायता ले सकता है।
5 एडमिशन फॉर्म ज़मा करवाने की घबराहट में विद्यार्थी अपने साथ ज़रुरी दस्तावेज़ रखना भूल जाते हैं। इस स्थिति में हर सीनियर अपने जूनियर को यह ज़रूरी बात रिमांड करवाना नहीं भूलता है।
6 कई स्टूडेंट सीनियर से स्टड़ी के साथ-साथ, कॉलेज में आयोजित एक्सट्रा एक्टीविटी के बारे में भी जानकारी लेते हैं। यह बातचीत अक्सर सीनियर व जूनियर के बीच बढ़िया तालमेल लाने का कार्य भी करती है।
7 कई सीनियर अपने जूनियर को कॉलेज की मौजमस्ती के लिए ऐसी जगहों की जानकारी भी देते हैं जहां जूनियर स्टडी की थकान दूर कर सकें।
8 कई सीनियर ऐसे भी मिलते हैं जो बातों-बातों में अपने फेवरेट प्रोफेसर के बारे में भी जानकारी देते हैं। जिससे स्टूडेंट को उनसे सहायता मिल जाए।
9 यदि किसी सीनियर के साथ स्टूडेंट की दोस्ती बेहतर है तो यह स्टूडेंट के लिए प्लस प्वाइंट है क्योंकि कभी-कभार सीनियर, लेक्चरार के साथ जूनियर की भेंट भी करवा देते हैं।
कॉलेज पासआउट – अगर किसी स्टूडेंट को कॉलेज फॉर्म या एडमिशन से संबंधित जानकारी चाहिए तो वह यह लेख पढ़ सकता है। लेकिन इस लेख के अलावा स्टूडेंट चाहे तो अपने तरह से जानकारी भी इक्ट्ठा कर सकते हैं ।
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