ओम्याकॉन शहर – सर्दी के इस मौसम में देश के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. सर्दियों के मौसम में पड़नेवाली कड़ाके की ठंड के चलते लोग अपनी रजाई और कंबल से बाहर आने से कतराते हैं.
वैसे भारत में तो सर्दियों का मौसम चार महीनों के लिए होता है लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां सालभर कड़ाके की ठंड रहती है. दुनियाभर के कई हिस्सों में इन दिनों कड़ाके की ठंड के साथ बर्फबारी हो रही है.
लेकिन आज हम आपको दुनिया के शक्तिशाली देश रूस के एक ऐसे शहर से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसे दुनिया की सबसे ठंडी जगह के तौर पर जाना जाता है. इस शहर में सर्दी का सितम इतना ज्यादा है कि पूरे चौबीस घंटों में यहां सिर्फ तीन घंटे के लिए दिन होता है.
ओम्याकॉन शहर है दुनिया की सबसे ठंडी जगह
दरअसल रूस के ओम्याकॉन शहर को दुनिया की सबसे ठंडी जगह के तौर पर जाना जाता है. यहां के लोग कड़कड़ाती सर्दी के सितम को झेलने के लिए मजबूर हैं.
ओम्याकॉन शहर में ठंड के मौसम में औसत तापमान -50 डिग्री सेल्सियस के आस पास बना रहता है. इतनी ठंडी होने के बावजूद इस शहर में करीब 500 लोग रहते हैं.
बताया जाता है कि इस शहर में रहनेवाले लोगों को कई सारे बदलावों से होकर गुज़रना पड़ता है. इन्हें यहां के तापमान में जीवित रहने के लिए बहुत सारे जतन करने पड़ते हैं जिसका अंदाजा लगाना बाहरी दुनिया के लिए काफी मुश्किल है.
जिंदा रहने के लिए मीट खाते हैं यहां के लोग
इस शहर को दुनिया में सबसे ठंडा इनहैबिटेड इलाका माना जाता है. यहां के इस सर्द माहौल में खुद को जिंदा रखने के लिए यहां के लोग अलग तरह के खानपान का तरीका अपनाते हैं.
यहां के लोग ठंड से बचने के लिए सिर्फ मीट खाते हैं. ये लोग हर रोज रेंडियर और घोड़े का मांस खाकर खुद को इस सर्द माहौल में जिंदा रखते हैं.
बर्फ बन जाती है यहां की हर एक चीज
इस शहर में रहनेवाले लोग बहुत कम ही अपने घरों से निकलते हैं. यहां कड़कड़ाती ठंडे के चलते पेन की इंक से लेकर ग्लास में पीने के पानी तक की सारी चीजें जमकर बर्फ बन जाती हैं.
रोजमर्रा के इस्तेमाल में आनेवाली चीजों के बर्फ बन जाने के चलते यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है. आलम तो यह है कि सर्द मौसम के चलते ही यहा मोबाइल फोन सर्विस कभी शुरू ही नहीं हो पाई है.
ओम्याकॉन में सिर्फ 3 घंटे के लिए होता है दिन
ओम्याकॉन में पारा -60 डिग्री सेल्सियस के भी नीचे चला जाता है. बताया जाता है कि ठंड के मौसम में यहां सिर्फ 3 घंटे के लिए ही रोशनी होती है बाकी समय घनघोर अंधेरा छाया रहता है. हालांकि गर्मी के मौसम में यहां दिन के समय 21 घंटे रोशनी रहती है और महज 3 घंटे के लिए रात होती है.
इस शहर में बच्चों के लिए एक स्कूल भी है जहां इस भयंकर ठंड में भी पढ़ने के लिए बच्चे जाते हैं. लेकिन जब इस शहर का पारा -52 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तब इस स्कूल को बंद करना पड़ता है.
बहरहाल ओम्याकॉन शहर में पड़नेवाली कड़ाके की ठंड के बारे में सुनकर ही इस शहर के सर्द माहौल का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसे में जरा सोचिए अगर आपको भी इस शहर में रहना पड़े तो फिर आपका क्या हाल होगा.
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