दिल्ली भाजपा की राजनीति – दिल्ली में आम आदमी पार्टी ही नहीं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में भी शीत युद्ध चल रहा है.
पिछले कई दिनों से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के बीच टकराव चल रहा है.
दिल्ली भाजपा की राजनीति में यह कोई पहला मौका नहीं है जब भाजपा में दो नेताओं के बीच इस प्रकार का शीत युद्ध चला हो.
इसके पहले भी विजय गोयल को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से हटाकर डा. हर्षवर्धन को दिल्ली प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था तो उस वक्त भी दोनों नेताओं के बीच प्रदेश में दबदबे को लेकर खींचतान रहती थी.
इसके चलते ही भाजपा ने विजय गोयल को बहुत दिन तक दिल्ली की राजनीति से दूर रखा था. यही नहीं इसके पहले दिल्ली में भाजपा के मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना और साहिब सिंह वर्मा के बीच भी पार्टी के भीतर दबदबे को लेकर शीत युद्ध की खबरे आती थी.
बहराल, दिल्ली भाजपा की राजनीति में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के बीच सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन लगातार टकराव जारी है.
बताया जाता है कि मामले ने उस वक्त ज्यादा तूल पकड़ लिया जब विजय गोयल ने अपने घर पर पार्षदों के अभिनंदन के लिए एक समारोह रखा. खबर है कि इस कार्यक्रम को करने से पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी से नहीं पूछा गया.
इस बात को लेकर मनोज तिवारी काफी नाराज हो गए. पार्षदों को यह भी सूचना दी गई थी कि यह कार्यक्रम प्रदेश भाजपा की ओर से नहीं है. इसके बावजूद कुछ पार्षद इस कार्यक्रम में शामिल होने गए.
ऐसे पार्षदों की अब शामत आई हुई है.
गोयल की पार्टी में जाने वाले सभी पार्षदों को संगठन की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजने की तैयारी भी चल रही है.
बताया जाता है कि प्रदेश की ओर से तीन लोगों को तो डायरेक्ट मेसेज भेजा गया था कि वे इस कार्यक्रम में ना जाएं बावजूद इसके वे इस कार्यक्रम में गए, संगठन इसे बेहद गंभीर मान रहा है.
इस मसले पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि उनकी कोशिश है कि संगठन के समानांतर कोई गतिविधि ना चले, संगठन मजबूत हो. वहीं जानकारी के मुताबिक जिन तीन पार्षदों को सीधे तौर पर इस कार्यक्रम में ना जाने का मेसेज दिया गया था, उनमें साउथ एमसीडी से पार्षद शिखा राय प्रमुख हैं.
शिखा का नाम सदन के नेता के लिए तय हो गया था. दूसरा नाम नॉर्थ एमसीडी से जय प्रकाश का है. उनका भी नाम सदन के नेता के लिए सबसे आगे चल रहा था. तीसरा नाम ईस्ट एमसीडी से पार्षद संतोष पाल का है. उन्हें भी ईस्ट एमसीडी में सदन का नेता बनाने की तैयारी थी. इस घटना के बाद से इनके नामों का ऐलान रोक दिया गया है.
दिल्ली भाजपा की राजनीति में भाजपा नेताओं में यह भी चर्चा आम है कि भले ही विजय गोयल केंद्रीय मंत्री बन गए हों, लेकिन दिल्ली की राजनीति में वह अपना दखल चाहते हैं. प्रदेश भाजपा संगठन के साथ-साथ उनके भी कार्यक्रम चलते रहते हैं. चाहे विपक्ष पर हमला बोलने का मामला हो या फिर दिल्ली के किसी भी मसले को उठाने का मामला, विजय गोयल भी उसमें अलग से अपनी भूमिका दर्शाते नजर आते हैं.
यह बात भी प्रदेश अध्यक्षों को चुभती नजर आती है.
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