इस बार तय भारत को नहीं पाकिस्तान को करना है.
क्योंकि भारत तो पहले ही तय कर चुका है कि अगर पाकिस्तान से भारत को जरा भी किसी तरह के युद्ध की आंशका हुई तो भारतीय सेना पलक झपकते ही दुश्मन के इलाके में घुसकर उसको सबक सिखा देगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर भारतीय सेना को अपनी मंजूरी दे चुके है और सेना भी अपनी ओर से इसके लिए तैयारी कर चुकी हैं.
अगर पाकिस्तान ने भी हाल ही में भारत के नए थलसेना अध्यक्ष बिपिन रावत के कोल्ड स्टार्ट की अवधारणा वाले बयान को सुना होगा तो उसको भी समझ में आ गया होगा.
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने यह स्वीकार है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर कोल्ड स्टार्ट की अवधारणा के विकल्प खुले रखे हैं.
भारत द्वारा पश्चिमी सीमा पर अपनी टैंक सेना की तैनाती इस ओर इशारा करती है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक छोटा और जल्द खत्म हो जाने वाला त्वरित युद्ध करने के लिए अपनी सेना को ताकतवर बना रहा है.
आपको बता दें कि भारत की सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ एक त्वरित युद्ध की रणनीति बनाकर उसे कोल्ड स्टार्ट अवधारणा नाम दे दिया है. यह अवधारणा तब विकसित की गई, जब यह बात सामने आई कि भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत छोटी अवधि के त्वरित-युद्ध ही व्यावहारिक रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं.
आम तौर पर इन युद्धों की अवधि दो या तीन सप्ताह होती है.
लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद अब यह तय किया जा चुका है कि कोल्ड स्टार्ट युद्ध कैसा होगा और जरूरत पड़ने पर इसको कैसे अंजाम दिया जाएगा.
बता दें कि 72 से 96 घण्टों की बहुत छोटी अवधि तक चलने वाले इस अभियान में भारतीय सुरक्षा बलों और थल सेना को मुख्य भूमिका दी गई है, जो हमले का आदेश मिलने के तुरन्त बाद बिजली की गति से त्वरित हमला करेगी और तीन-चार दिन के भीतर ही पाकिस्तान के अन्दर 80 किलोमीटर तक घुस जाएगी.
यही कारण है कि सीमित अवधि के तीव्र आक्रामक अभियानों को पूरा करने के लिए भारत धीरे-धीरे अपने तोपखाने को सक्षम बना रहा है और विमानों व भारी हथियारों को मिलाकर त्वरित युद्ध करने वाले अत्यन्त सक्षम सैन्य-दस्तों का सुरक्षा-कवच तैयार कर रहा है.
भारत के पास इस समय 18 टैंक रेजिमेण्ट हैं. ये सभी आजकल राजस्थान और पंजाब में तैनात हैं.
लेकिन पाकिस्तानी जमीन को टैंकों से कुचलने से पहले भारतीय सेना को पाकिस्तानी सुरक्षा कवच को तोड़ना होगा.
इसके लिए भारत की पिनाका रॉकेट प्रणाली या स्मेर्च नामक रॉकेट अग्निवर्शक प्रणाली भारतीय सेना की सहायता करेगी.
उल्लेखनीय है कि पिनाका व स्मेर्च नामक रॉकेट अग्निवर्षक प्रणाली का इस्तेमाल करके विशाल शत्रु सेना के सैनिकों को भी बड़ी संख्या को नष्ट किया जा सकता है और आगे बढ़ रही भारतीय सेना के लिए रास्ता साफ करने का काम करेगी.
इतना ही नहीं कोल्ड स्टार्ट के प्रारम्भिक चरणों में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे. ये मिसाइल कुछ ही मिनट में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण 3सी कमान के महत्वपूर्ण ढाँचे को ध्वस्त करके उसकी सारी नियन्त्रण और संचार प्रणाली को नष्ट कर देंगे.
इसके अलावा भारत के पास अन्तरिक्ष में अपने ऐसे जासूसी उपग्रह हैं, जो दुश्मन की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखते हैं और उसकी पल-पल की तुरन्त खबर देते हैं.
ज्यों ही पाकिस्तानी सेना अपने इलाके में कोई भी गतिविधि शुरू करेगी, भारतीय सेना उसका पता लगाकर ब्रह्मोस मिसाइल से उसका विध्वंस कर देगी.
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