यह दिन 24 अप्रैल 1998 का दिन था.
इस दिन शारजहाँ में कोका-कोला कप के अदंर भारत-आस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मैच होना था.
मीडिया पर अधिकतर खबरें आस्ट्रेलिया के पक्ष में थीं क्योकि तब आस्ट्रेलिया को हराना नामुमकिन था और भारत को हराने के लिए केवल और केवल सचिन तेंदुलकर को आउट करना होता था. कोका कोला कप में भारत-आस्ट्रेलिया के अलावा तीसरी टीम न्यूजीलैंडथी.
क्रिकेट के अधिकतर सट्टेबाज यही उम्मीद लगाये हुए थे कि इस बार शारजहाँ में फाइनल आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच होगा.
सचिन तेंदुलकर के लिए यह साल वैसे भी बेहद ख़ास था.
सचिन का बल्ला इस टूर्नामेंट में आग उगल रहा था. इस कोका-कोला कप में एक समय ऐसा भी आ गया था जब भारत का फाइनल में पहुंचना सभी को मुश्किल नजर आ रहा था. रन रेट के आधार पर भारत न्यूजीलैंड से पीछे था और भारत का आखरी क्वालीफाई मुकाबला आस्ट्रेलिया के साथ होना था. इस क्वालीफाई मैच में आस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 284 का विशाल स्कोर बनाया था. भारत को अगर फाइनल में जाना था तो इस मैच में बस अपनी रन रेट को बेहतर करना था. सभी खिलाड़ी जानते थे कि इस मैच में हार-जीत महत्त्व नहीं रखती है बस हमको बेहतर रनरेट से खेलना होगा. मैच की शुरुआत में ही भारतीय टीम ने जैसे हार मान ली थी लेकिन क्रिकेट का भगवान इस सेमीफाइनल जैसे मैच में जो खेला था वह आस्ट्रेलिया के एक बुरे सपने जैसा था.
जो लोग आज युवराज सिंह और धोनी के खेलने की तारीफ़ करते हैं, अगर इन्होनें मैच में सचिन की बल्लेबाजी देखी होती तो वह कभी उसके बाद किसी और के फैन बन ही नहीं सकते थे. सचिन ने इस मैच में 143 रन बनाये थे. टीम का कुल स्कोर 250 था जिसमें से 143 रन अकेले सचिन के रहे थे.
भारतीय टीम बेशक इस मैच को हार गयी थी लेकिन वह फाइनल तक पहुचने में कामयाब रही थी.
फाइनल में सचिन का कहर
फाइनल में आस्ट्रेलिया का यही प्लान था कि बस कैसे भी कैसे सचिन तेंदुलकर को जल्दी आउट करना है.
सचिन को अगर आउट कर लिया जाता है तो समझो टीम इंडिया को आउट कर लिया है. आस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए भारत के सामने 272 रनों का विशाल स्कोर बनाया. इस मैच में एडम गिलकिस्ट और माइकल बेवन ने 45-45 और स्टीव वा एवम लेहमन ने 70-70 रनों के निजी स्कोर पूरे किये थे.
भारत को यह फाइनल जीतना था तो किसी भी हालत में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली का शानदार खेलना बेहद जरुरी था.
मैच की शुरुआत से ही सचिन तेंदुलकर खुलकर खेलना शुरू हो गये थे. सौरव गांगुली धैर्य से साथ रन बना रहे थे लेकिन 23 के निजी स्कोर पर उनके आउट होने के बाद सचिन तेंदुलकर संभलकर खेलना शुरू कर देते हैं. सचिन तेंदुलकर ने कोका-कोला कप के इस फाइनलमैच में क्लासिक ड्राइव्स लगाये और हर बॉलर को खूब छकाया था.
सचिन ने इस मैच में 134 रन बनाये थे. कप्तान मोहम्मद अजरुद्दीन ने भी मैच में फिफ्टी बनाई और इस तरह से यह ऐतिहासिक मैच सचिन ने आस्ट्रेलिया के हाथों से छीन लिया था.
इस सचिन ने जहाँ इस सीरीज में शारजहाँ की सबसे तेज फिफ्टी बनाई थी वहीँ इस कोका-कोला कप में सचिन मेन ऑफ़ द सीरीज भी रहे थे.
सचिन तेंदुलकर ने दो लगातार मैच में शतक बनाकर विश्व के सभी क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर भी आकर्षित कर लिया था.
देखे इस मैच में सचिन की बल्लेबाजी-
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