शहरों के नाम बदलने की राजनीति एक बार जो साल के शुरुआत से शुरू हुई है वह अपने चरम स्तर पर पहुंच चुकी है। दिवाली के कुछ दिन पहले फैजाबाद का नाम अयोध्या कर बीजेपी ने एक धर्म वर्ग को साधने की कोशिश की है।
जैसे-जैसे लोकसभा के चुनावों के दिन नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे यह उम्मीद और गहराती जा रही है कि कहीं कोई हिंदू-मुस्लिम दंगा ना हो जाए। राजनीतिक स्थितियों को तो देखकर यही लग रहा है। अब जैसे की हैदराबाद के नाम को बदलने की घोषणा हुई है।
बीजेपी के एक एमएलए ने तेलंगाना की राजनीति में आने के लिए लोगों से कहा है कि वे उन्हें वोट देते हैं तो हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर कर देंगे।
शहरों के नाम बदलने की राजनीति –
हैदराबाद हो जाएगा भाग्यनगर
देश की सत्ता में शामिल और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने अपना हिंदू कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। हाल ही में एक बीजेपी एमएलए ने चुनाव जीतने पर हैदराबाद का नाम बदलने की घोषणा की है। हैदराबाद (तेलंगाना) की गोशमहल सीट से बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “तेलंगाना में बीजेपी बहुमत हासिल करेगी। जीत के बाद हमारा पहला उद्देश्य विकास और दूसरा हैदराबाद का नाम बदलना होगा। हम सिकंदराबाद और करीमनगर का नाम भी बदलेंगे।”
गुजरात के एक दिन बाद
बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह का यह बयान गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल के बयान के एक दिन बाद आया है। गौरतलब है कि पटेल ने बीते दिन अहमदाबाद का नाम बदलने के बारे में कहा था। उन्होंने कहा था कि गुजरात सरकार अहमदाबाद का नाम कर्णावती रखने पर विचार कर रही है। मतलब कि आगे भविष्य में अहमदाबाद कर्णावती कहला सकता है। इसी के बाद तेलंगाना के विधायक ने हैदराबाद का नाम बदलने की पेशकश कर दी।
अन्य जगहों के भी बदले जाएंगे नाम
नाम बदलने वाले शहरों की फेहरिस्त लंबी है। अगर भाजपा सरकार बनाती है तो हैदराबाद के अलावा ऐसी भी कई जगहें हैं जिनके नाम बदल दिए जाएंगे। बीजेपी विधायक ने कहा कि पार्टी सत्ता में आने के बाद सिकंदराबाद और करीमनगर का नाम भी बदल देगी।
हैदराबाद पहले भाग्यनगर ही था
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पहले हैदराबाद भाग्यनगर था और 1590 में जब कुली कुतुबशाह हैदराबाद आया तो उसने भाग्यनगर का नाम बदलकर हैदराबाद कर दिया। तब कई हिंदुओं पर हमला किया गया, मंदिरों को तोड़ दिया गया। इसलिए विधायक सिंह अब हैदराबाद का नाम बदलने की तैयारी कर रहे हैं जिससे की हिंदुओं की पुरानी शान वापस आ सके। उनका कहना है, “तेलंगाना में, बीजेपी को बहुमत मिलता है तो हमारी पहली प्राथमिकता राज्य का विकास करना होगा और दूसरा हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करना होगा। हम सिकंदराबाद और करीमनगर का नाम भी बदलेंगे।”
पहले अपना नाम बदलें- कांग्रेस
शहरों के नाम बदलने की राजनीति – हैदराबाद नाम बदलने पर कांग्रेस ने बीजेपी विधायक टी राजा सिंह को अपना नाम बदलने की सलाह दी है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी ने निशाना साधते हुए कहा, ‘राजा सिंह कौन हैं…इसकी जगह उन्हें खुद का नाम बदल लेना चाहिए, इस पर किसी को आपत्ति भी नहीं होगी।
शहरों के नाम बदलने की राजनीति बहुत दूर तक जाने वाली है। केवल लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का इंतजार कीजिए जब राजनीतिक पार्टी को चुनाव प्रचार करना मना होता है। यह उसी समय रुकेगी।