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ये तीन नगर भगवान श्रीकृष्ण ने बसाए थे जिनका अस्तित्व आज भी है !

भगवान श्री कृष्ण के बसाये नगर

भगवान श्री कृष्ण के बसाये नगर – इस धरती पर धर्म की रक्षा के लिये भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया था।

मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, लेकिन भगवान कृष्ण अपने पूरे जीवन काल में अनेक स्थानों पर गए और जहाँ-जहाँ भी वे गए उस स्थान पर कोई ना कोई चमत्कार और निर्माण कार्य किया, जिसमें से कुछ के प्रमाण आज भी देखने को मिलते है।

आज हम भगवान श्री कृष्ण के बसाये नगर के बारे में बात करेंगे. भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन काल में इन तीन नगरों को बसाया था- 

भगवान श्री कृष्ण के बसाये नगर –

1.  द्वारिका –

किसी ज़माने में द्वारिका की जगह पर कुशवती नाम का नगर हुआ करता था, जो पूरी तरह से उजाड़ हो चूका था। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध के बाद गुजरात के समुद्र तट पर द्वारिका का निर्माण कराया और वहां एक नए राज्य की स्थापना की ये वही जगह थी जहां पर कुशवती नगर था। हालाँकि ये नगरी कालांतर में समुद्र में डूब गई जिसके कुछ अवशेष अभी हाल ही में खोजे भी गए है। अभी गुजरात में उक्त द्वारिका के समुद्री तट पर ही भेंट द्वारिका और द्वारका बसी है चार धाम में से एक धाम द्वारकापुरी को भी माना जाता है।

2.  इंद्रप्रस्थ –

इंद्रप्रस्थ जो कभी खान्डवप्रस्थ हुआ करता था जिसे पांडव पुत्रों के लिए बनवाया गया था। यह एक बड़ा ही विचित्र नगर था, लेकिन कौरवो और पांड्वो के बीच सम्बन्ध ख़राब होने की वजह से ये नगर उजाड़ हो गया। बाद में इसे श्रीकृष्ण ने मय दानव की सहायता से पुनर्निर्माण करवाया। आज जिसे हम दिल्ली कहते है वही प्राचीनकाल में इंद्रप्रस्थ नगर हुआ करती थी. दिल्ली के पुराने किले में कई जगहों पर शिलापटों में इस बात का प्रमाण मिलता है। इसके अलावा पुरात्वत्विदों एक बड़ा वर्ग भी यही मानता है कि पांडवो का इंद्रप्रस्थ इसी जगह पर हुआ करता था।

3.  वैकुंठ –

भगवान श्रीकृष्ण ने भी एक वैकुंठ नगर का निर्माण करवाया था, जिसे साकेत, गोलोक, परमधाम, ब्रह्मपुर आदि नामों से भी जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि आरावली पर्वत पर कही वैकुंठ धाम बसाया गया था, जहाँ पर इंसान नहीं सिर्फ साधक रहा करते थे। आरावली पर्वत भारत की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है।

ये है भगवान श्री कृष्ण के बसाये नगर – ये तीन नगर भगवान कृष्ण ने बसाएं थे जिसके कई अवशेष देखने को मिलते है वहीं इतिहास में भी इन नगरों का उल्लेख है।